Advertisment

"इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से BHU तक, शक्ति दुबे की UPSC टॉपर बनने की प्रेरक कहानी"

शक्ति दुबे ने UPSC परीक्षा में टॉप कर दिखाया कि कठिन परिश्रम और समर्पण से सपनों को हकीकत में बदला जा सकता है, प्रेरणा का स्रोत बनीं।

author-image
Ajit Kumar Pandey
SHAKTI DUBE PRAYAGRAJ NEWS
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क । संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा को भारत की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक माना जाता है। हर साल लाखों युवा इस परीक्षा में अपनी किस्मत आजमाते हैं, लेकिन सफलता केवल उन चुनिंदा लोगों को मिलती है जो कठिन परिश्रम, दृढ़ संकल्प और सही रणनीति के साथ आगे बढ़ते हैं।

साल 2024 की यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के परिणामों ने एक बार फिर एक ऐसी कहानी को सामने लाया, जो लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई। इस साल की टॉपर शक्ति दुबे ने न केवल पहली रैंक हासिल की, बल्कि अपनी मेहनत और समर्पण से यह साबित कर दिया कि सपनों को हकीकत में बदलना संभव है।

शक्ति दुबे का जन्म उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुआ, जो शिक्षा और संस्कृति का एक प्रमुख केंद्र माना जाता है। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा यहीं से पूरी की और बाद में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बायोकेमिस्ट्री में स्नातक की डिग्री हासिल की।

उनकी शैक्षणिक यात्रा यहीं नहीं रुकी; उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से बायोकेमिस्ट्री में परास्नातक (MSc) किया। शक्ति की पढ़ाई के प्रति लगन और विषय में गहरी रुचि ने उन्हें हमेशा उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया।

Advertisment

हालांकि, शक्ति का सपना केवल अकादमिक उपलब्धियों तक सीमित नहीं था। उन्होंने देश की सेवा करने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का लक्ष्य रखा, जिसके लिए उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा को चुना। साल 2018 में पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद, शक्ति ने यूपीएससी की तैयारी शुरू की। यह सफर आसान नहीं था, लेकिन उनकी दृढ़ता और अनुशासन ने उन्हें इस कठिन राह पर आगे बढ़ने की ताकत दी।

यूपीएससी की तैयारी: सात साल की तपस्या

शक्ति ने अपनी यूपीएससी यात्रा 2018 में शुरू की थी। इस दौरान उन्होंने कई उतार-चढ़ाव देखे। यूपीएससी की परीक्षा तीन चरणों—प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार- में आयोजित होती है, और प्रत्येक चरण अपने आप में एक बड़ी चुनौती है।

शक्ति ने अपने वैकल्पिक विषय के रूप में राजनीति विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंध चुना, जो उनकी रुचि और समझ के अनुरूप था। उन्होंने अपनी तैयारी को व्यवस्थित करने के लिए एक सख्त समय-सारिणी बनाई और नियमित रूप से समसामयिक घटनाओं, अखबारों और मानक किताबों का अध्ययन किया।

Advertisment

शक्ति ने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार, शिक्षकों और दोस्तों को दिया है, जिन्होंने हर कदम पर उनका साथ दिया। उनके माता-पिता ने हमेशा उनकी आकांक्षाओं को प्रोत्साहित किया और उन्हें कठिन समय में हार न मानने की प्रेरणा दी। शक्ति ने कई मॉक टेस्ट और साक्षात्कार सत्रों में हिस्सा लिया, जिससे उनकी आत्मविश्वास और प्रस्तुति कौशल में सुधार हुआ।

2024 का परिणाम: एक ऐतिहासिक उपलब्धि

22 अप्रैल 2025 को घोषित यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2024 के परिणामों में शक्ति दुबे ने पहली रैंक हासिल की। इस साल कुल 1,009 उम्मीदवारों का चयन किया गया, जिनमें से 335 सामान्य श्रेणी, 109 आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS), 318 ओबीसी, 160 एससी और 87 एसटी वर्ग से थे। शक्ति की इस उपलब्धि ने न केवल उनके परिवार और प्रयागराज को गौरवान्वित किया, बल्कि पूरे देश में उनकी कहानी को एक प्रेरणा के रूप में प्रस्तुत किया।

इस परीक्षा के तहत 1,132 पदों पर भर्ती की गई, जिसमें भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के 180 पद, भारतीय विदेश सेवा (IFS) के 55 पद और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के 147 पद शामिल हैं। शक्ति अब उन चुनिंदा अधिकारियों में से एक होंगी, जो देश की प्रशासनिक व्यवस्था को मजबूत करेंगी।

शक्ति का संदेश: मेहनत और धैर्य

Advertisment

शक्ति दुबे की कहानी हर उस युवा के लिए एक सबक है, जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहा है। उन्होंने कहा, “यूपीएससी की तैयारी एक लंबी और कठिन यात्रा है, लेकिन अगर आप अपने लक्ष्य के प्रति ईमानदार हैं और मेहनत करते हैं, तो सफलता जरूर मिलती है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि असफलताएं आपको तोड़ने के बजाय मजबूत बनाती हैं, बशर्ते आप उनसे सीखें।

शक्ति की इस उपलब्धि ने एक बार फिर साबित कर दिया कि कठिन परिश्रम और सही दिशा में किया गया प्रयास कभी व्यर्थ नहीं जाता। उनकी कहानी लाखों युवाओं को प्रेरित कर रही है कि वे अपने सपनों को हकीकत में बदलने के लिए लगन और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ें।

Advertisment
Advertisment