नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क ।
IPL 2025 News: इंडियन प्रीमियर लीग 2025 (IPL 2025) का महासंग्राम शुरू होने से पहले, भारत में ऑनलाइन गेमिंग की दुनिया में भूचाल आ गया है। सरकार ने अवैध सट्टेबाजी और जुआ गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए एक बड़ा अभियान चलाया है। इस अभियान के तहत, प्रवर्तन निदेशालय (ED) और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने मिलकर 700 से अधिक ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों पर छापेमारी की है। इसके साथ ही, 2000 से अधिक बैंक खातों और 392 UPI खातों को भी सील कर दिया गया है।
IPL 2025 से पहले DGGI ने अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी करने वाली 700 विदेशी ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। अब तक 357 वेबसाइटें ब्लॉक किए गए साथ ही 2,000 बैंक अकाउंट्स सील किए गए। 392 UPI से जुड़े अकाउंट्स डेबिट फ्रीज किए गए हैं। तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ऑनलाइन मनी गेमिंग पर 28 फीसदी GST लागू है, लेकिन ये विदेशी कंपनियां बिना रजिस्ट्रेशन के काम कर रही थीं।
अवैध सट्टेबाजी और जुआ के खिलाफ सरकार की सख्त कार्रवाई
भारत सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर अवैध सट्टेबाजी और जुआ गतिविधियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। सरकार का मानना है कि ये गतिविधियाँ न केवल देश के युवाओं को गुमराह कर रही हैं, बल्कि इनसे मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य वित्तीय अपराधों को भी बढ़ावा मिल रहा है।
सरकार ने हाल ही में ऑनलाइन गेमिंग नियमों में बदलाव किए हैं, जिसके तहत अवैध सट्टेबाजी और जुआ को रोकने के लिए सख्त प्रावधान किए गए हैं। इन नियमों के तहत, सभी ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को सरकार के साथ पंजीकृत होना अनिवार्य है। इसके अलावा, उन्हें अपने उपयोगकर्ताओं की पहचान सत्यापित करनी होगी और संदिग्ध लेनदेन की रिपोर्ट करनी होगी।
ED और अन्य एजेंसियों की संयुक्त कार्रवाई
सरकार के इन सख्त नियमों के बाद, ED और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने मिलकर अवैध गेमिंग कंपनियों के खिलाफ एक बड़ा अभियान चलाया है। इस अभियान के तहत, उन्होंने देश भर में कई ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के कार्यालयों पर छापेमारी की है।
छापेमारी के दौरान, एजेंसियों ने बड़ी मात्रा में नकदी, दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए हैं। इसके अलावा, उन्होंने कई बैंक खातों और UPI खातों को भी सील कर दिया है, जिनका उपयोग अवैध लेनदेन के लिए किया जा रहा था।
ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों में हड़कंप
सरकार की इस सख्त कार्रवाई से ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों में हड़कंप मच गया है। कई कंपनियों ने अपनी वेबसाइटों और ऐप्स को बंद कर दिया है, जबकि कुछ ने अपने संचालन को सीमित कर दिया है।
कंपनियों का कहना है कि सरकार की यह कार्रवाई उनके व्यवसाय के लिए हानिकारक है। उनका तर्क है कि सभी ऑनलाइन गेमिंग गतिविधियाँ अवैध नहीं हैं और सरकार को वैध और अवैध गतिविधियों के बीच अंतर करना चाहिए।
IPL से पहले कार्रवाई का महत्व
सरकार ने IPL के शुरू होने से ठीक पहले यह कार्रवाई की है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार इस टूर्नामेंट के दौरान किसी भी तरह की अवैध सट्टेबाजी और जुआ गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेगी। IPL भारत में सबसे लोकप्रिय खेल आयोजनों में से एक है और इस दौरान ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुआ गतिविधियों में भारी वृद्धि देखी जाती है।
सरकार की इस कार्रवाई से अवैध सट्टेबाजी और जुआ में शामिल लोगों को एक कड़ा संदेश गया है। सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह देश में किसी भी तरह की अवैध गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेगी।
आगे की राह
सरकार की इस कार्रवाई से ऑनलाइन गेमिंग उद्योग में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ने की उम्मीद है। सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वैध ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को अनावश्यक रूप से परेशान न किया जाए। इसके साथ ही, उसे अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
सरकार और ऑनलाइन गेमिंग उद्योग को मिलकर काम करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ऑनलाइन गेमिंग गतिविधियाँ सुरक्षित और पारदर्शी तरीके से संचालित हों।
सरकार की इस कार्रवाई से ऑनलाइन गेमिंग उद्योग में बदलाव की उम्मीद है। यह देखना बाकी है कि यह उद्योग सरकार के नए नियमों के अनुकूल कैसे होता है और क्या यह अवैध गतिविधियों को रोकने में सफल होता है।