Advertisment

भारत की कूटनीतिक सर्जिकल रणनीति से पाकिस्तान की खुली पोल, बौखलाया इस्लामाबाद

भारत ने सीमापार आतंकी शिविरों पर सटीक हमले कर पाकिस्तान की पोल खोल दी। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भारत का साथ दिया, सिर्फ चीन, तुर्की जैसे चंद देश विरोध में। सरकार ने कांग्रेस के आरोपों को नकारा।

author-image
Ajit Kumar Pandey
INDIA PAKISTAN TENSION LATEST NEWS
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । भारत की जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान की पोल खुल गई। आतंकी शिविरों पर सटीक हमले से बौखलाया इस्लामाबाद। दुनिया के ज़्यादातर देश भारत के साथ खड़े नज़र आए। राजनयिक रणनीति से अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत को बढ़त। अब पाकिस्तान अलग-थलग, चीन-तुर्की जैसे चंद देशों को छोड़ बाकी सबने भारत का समर्थन किया। 

Advertisment

भारत ने एक बार फिर अपनी कूटनीतिक चालों से पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर बेनकाब कर दिया है। इस बार बात बंदूक या बम की नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय रणनीति और सर्जिकल डिप्लोमेसी की है। भारतीय विदेश नीति की इस नई ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ से न केवल पाकिस्तान की दोहरी नीति की पोल खुल गई, बल्कि इस्लामाबाद में भी हड़कंप मच गया है। लगातार अंतरराष्ट्रीय दबाव और भारत की कूटनीतिक घेराबंदी से पाकिस्तान बौखलाया हुआ नजर आ रहा है।

भारत सरकार ने हाल ही में सीमापार आतंकी ठिकानों पर सटीक हमला कर एक बार फिर यह साबित कर दिया कि आतंक के खिलाफ उसकी नीति ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ पर आधारित है। संसदीय सलाहकार समिति की बैठक में इस कार्रवाई की जानकारी दी गई, जिसमें बताया गया कि पाकिस्तान के तीन बड़े आतंकी कैंपों को निशाना बनाकर तबाह कर दिया गया। इस कूटनीतिक और सैन्य अभियान को लेकर दुनिया के अधिकांश देशों ने भारत का समर्थन किया, जबकि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग पड़ गया।

Advertisment

भारत की जवाबी कार्रवाई ने बदली पूरी रणनीति

सीमापार आतंकवाद को लेकर हुई संसदीय सलाहकार समिति की अहम बैठक में यह खुलासा हुआ कि भारत ने हाल ही में पाकिस्तान में मौजूद तीन बड़े आतंकी शिविरों पर सर्जिकल स्ट्राइक की तर्ज पर हमला किया। इस हमले की खास बात यह थी कि यह केवल सैन्य कार्रवाई नहीं बल्कि एक राजनयिक संदेश भी था — भारत अब आतंक पर सिर्फ बयान नहीं देगा, कार्रवाई भी करेगा।

आतंक के खिलाफ भारत की नई नीति

Advertisment

भारत ने इस अभियान को सिर्फ पाकिस्तान विरोध नहीं बल्कि आतंक के खिलाफ़ एक वैश्विक अभियान के रूप में पेश किया। यही वजह रही कि अमेरिका, फ्रांस, रूस, जापान, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने इस कार्रवाई पर भारत का समर्थन किया। केवल तुर्की, अज़रबैजान और चीन ने इसका विरोध किया, जिनकी पाकिस्तान से सामरिक नज़दीकियां किसी से छिपी नहीं हैं।

पाकिस्तान के डीजीएमओ से हुई सीमित बातचीत

Advertisment

सरकार ने स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच इस हमले से पहले किसी भी स्तर पर कोई बातचीत नहीं हुई थी। हमले के बाद ही भारत के डीजीएमओ ने पाकिस्तानी डीजीएमओ से संपर्क किया और यह एक औपचारिक सैन्य संवाद था, न कि कोई गुप्त समझौता।

कांग्रेस के आरोप और विदेश मंत्री का जवाब

संसदीय बैठक में कांग्रेस ने आरोप लगाया कि विदेश मंत्री ने हमले से पहले पाकिस्तान को सूचित किया था। इस पर विदेश मंत्री ने सख्त लहजे में कहा कि यह सरासर बेईमानी है और तथ्य को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई पूरी तरह से भारत के हितों को ध्यान में रखकर की गई और किसी को कोई पूर्व जानकारी नहीं दी गई।

सिंधु जल संधि पर सरकार का रुख

बैठक में यह भी पूछा गया कि क्या सिंधु जल संधि अब सिर्फ प्रतीकात्मक बन गई है या सरकार कोई ठोस कदम उठाने जा रही है। सरकार ने जवाब दिया कि संधि को स्थगित कर दिया गया है और आगे की रणनीति पर सांसदों को जल्द ही जानकारी दी जाएगी।

कूटनीतिक जीत: वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति मजबूत

विदेश मंत्री ने बताया कि विभिन्न देशों की राजधानियों में संसदीय प्रतिनिधिमंडलों के साथ हुई बातचीत में भारत को आतंक के खिलाफ एक जिम्मेदार राष्ट्र के रूप में देखा जा रहा है। अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों को स्पष्ट कर दिया गया है कि जब तक पाकिस्तान आतंक का समर्थन करता रहेगा, तब तक उससे कोई बातचीत संभव नहीं है।

पाकिस्तान की रणनीति फेल, सेना पर मनोवैज्ञानिक दबाव

इस हमले ने पाकिस्तान की सेना के मनोबल को भी झटका दिया है। जिन तीन प्रमुख आतंकी ठिकानों को सुरक्षा में रखा गया था, वे महज कुछ घंटों में तबाह हो गए। इससे यह भी साबित हो गया कि पाकिस्तान खुद को कितना भी ‘विक्टिम’ साबित करे, पर हकीकत यही है कि वह आतंकवाद का पालन-पोषण कर रहा है।

भारत ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि वह आतंकवाद के मुद्दे पर किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगा। इस बार की कार्रवाई ने न केवल आतंकी ढांचे को नुकसान पहुँचाया, बल्कि पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय साख को भी करारा झटका दिया। अब दुनिया देख रही है कि भारत सिर्फ शब्दों में नहीं, बल्कि रणनीति और साहस में भी सबसे आगे है।

क्या आप मानते हैं कि भारत की यह कार्रवाई सही थी? नीचे कमेंट करें और अपनी राय ज़रूर साझा करें। 

breaking news india pakistan | Current Affairs India Pakistan | India Pakistan border tensions | India Pakistan conflict | India Pakistan conflict update | breaking news today |

breaking news india pakistan Current Affairs India Pakistan India Pakistan border tensions India Pakistan conflict India Pakistan conflict update breaking news today
Advertisment
Advertisment