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विदेश सचिव की ब्रीफिंग में छाया रहा सशक्त भारत, इंडिया अब सहता नहीं जवाब देता है...

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने संसद भवन में सांसदों को भारत की आतंकवाद विरोधी रणनीति से अवगत कराया। अब भारत वैश्विक मंचों पर 'ज़ीरो टॉलरेंस' नीति के साथ आतंक के खिलाफ सक्रिय भूमिका निभा रहा है।

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Ajit Kumar Pandey
Briefing by Foreign Secretary
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।भारत की आतंकवाद के खिलाफ जंग में नया मोड़। संसद भवन में हुआ खास बंद दरवाज़ों वाला ब्रीफिंग सेशन। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सांसदों को किया सतर्क। भारत की नीति, सुरक्षा और विदेश यात्राओं पर फोकस। दुनिया को दिखाना है कि भारत अब सिर्फ सहता नहीं, जवाब देता है।

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नई दिल्ली स्थित संसद भवन में आयोजित एक विशेष बैठक में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सांसदों और विदेशी दौरों पर जाने वाले प्रतिनिधिमंडल को भारत की आतंकवाद विरोधी रणनीति की बारीक जानकारी दी। इस ब्रीफिंग का उद्देश्य था कि भारत किस तरह वैश्विक मंच पर आतंकवाद का मुकाबला कर रहा है और देश की छवि को सशक्त बना रहा है।

भारत आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक लड़ाई की ओर बढ़ रहा है। संसद भवन में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक खास ब्रीफिंग में उन सांसदों और प्रतिनिधिमंडलों को संबोधित किया, जो आने वाले समय में विभिन्न देशों के दौरे पर जा रहे हैं। इस बैठक का मकसद भारत की आतंकवाद नीति को स्पष्ट करना और अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश की छवि को मजबूत करना था।

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बैठक का फोकस क्या था?

विदेश सचिव ने सांसदों को बताया कि भारत अब केवल रक्षा की नीति नहीं अपना रहा, बल्कि आक्रामक कूटनीति और वैश्विक सहयोग के जरिए आतंक के ठिकानों तक पहुंच बना रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर भारत की रणनीति कितनी सख्त और व्यावहारिक हो चुकी है।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भारत की छवि

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विक्रम मिस्री ने यह साफ किया कि भारत अब सिर्फ पीड़ित नहीं, बल्कि समाधान का हिस्सा बन चुका है। उन्होंने कहा कि भारत ने हाल के वर्षों में संयुक्त राष्ट्र और G20 जैसे मंचों पर आतंकवाद के मुद्दे को मजबूती से उठाया है और कई देशों ने भारत की इस नीति का समर्थन भी किया है।

सांसदों को दी गई विशेष सलाह

जो सांसद और अधिकारी विदेश दौरों पर जा रहे हैं, उन्हें यह स्पष्ट रूप से बताया गया कि वे भारत की नीति और दृष्टिकोण को कैसे पेश करें। ब्रीफिंग में कहा गया कि आतंकवाद पर भारत की 'ज़ीरो टॉलरेंस' नीति अब सिर्फ शब्दों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक सक्रिय रणनीति में बदल चुकी है।

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भारत की सुरक्षा नीति में नया आत्मविश्वास

इस बैठक ने यह भी साफ कर दिया कि भारत अब कूटनीतिक मंचों पर केवल प्रतिक्रिया नहीं देता, बल्कि रणनीति बनाता है। विक्रम मिस्री की बातों से ये झलकता है कि भारत वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत, सशक्त और निर्णायक भूमिका निभाने को तैयार है।

क्या आपको लगता है भारत की आतंकवाद नीति अब सही दिशा में है? अपने विचार नीचे कमेंट करें और चर्चा में शामिल हों। 

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