नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु 11 जनवरी 1966 को ताशकंद में हुई थी। शास्त्री की मौत बहुत ही रहस्यमय तरीके से हुई थी और आज भी ये रहस्य बना हुआ है। शास्त्रीजी ताशकंद में पाकिस्तान के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने गए थे। इस शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद रात में उन्हें अचानक दिल का घातक दौरा पड़ा और समय पर ट्रीटमेंट ना मिल पाने के चलते शास्त्रीजी ने दुनिया को अलविदा कह दिया था। कहा जाता है ताशकंद समझौते के बाद शास्त्रीजी काफी दबाव में थे। पाकिस्तान को हाजी पीर और ठिथवाल वापस देने की वजह से उनकी तीखी आलोचना हो रही थी। उस समय शास्त्रीजी के मीडिया सलाहकार कुलदीप नैयर थे। शास्त्री के मौत की खबर सबसे पहले नैयर ने ही उनके परिजनों को बताई थी। बाद में बीबीसी को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि हाजी पीर और ठिथवाल को पाकिस्तान को दिए जाने से शास्त्री की पत्नी ललिता देवी काफी खफा थीं। यहां तक उन्होंने शास्त्री से फोन पर बात करने से भी मना कर दिया था। इस बात से शास्त्री को गहरा सदमा पहुंचा था।
मौत का रहस्य बरकरार
शास्त्रीजी की मृत्यु की सूचना जब उनकी पत्नी को मिली तो पूरे देश के साथ वह भी हैरान रह गई थीं। कई लोगों का मानना था कि शास्त्री जी को जहर देकर मारा गया है। वहीं कुछ लोग कहते थे की उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है। शास्त्रीजी के परिजनों द्वारा विभिन्न मौकों पर इस मौत की जांच की मांग भी की जाती रही। उनकी मौत के बरसों बाद उनके बेटे सुनील शास्त्री ने भारत सरकार से मांग की थी कि उनके पिता की रहस्यमयी मौत से पर्दा उठाया जाए। उन्होंने ये भी आरोप लगाया था कि शास्त्री को जहर देकर मारा गया है। शास्त्रीजी की मृत्यु को लेकर रहस्य तब और बढ़ा जब उनके मीडिया सलाहकार नैयर ताशकंद से भारत लौटे तो उनके शास्त्री से जुड़े सवालों पर उनके जवाब बहुत ठोस नहीं थे। जब ललिता शास्त्री ने उनसे पूछा कि शास्त्री जी का शरीर नीला क्यों पड़ गया था? तब नैयर का जवाब यह था: “मुझे बताया गया कि जब शव को सुरक्षित रखने के लिए रासायनिक लेप लगाए जाते हैं तो शरीर नीला पड़ जाता है"। शास्त्रीजी के शरीर पर लगे कट के निशानों का कारण पूछा, तो नैयर ने कहां "मुझे उनके बारे में कुछ भी पता नहीं था, क्योंकि मैंने उनका शव नहीं देखा था।" इसके अलावा ताशकंद और दिल्ली में शास्त्री जी के शव का पोस्टमार्टम ना होना भी संदेह और शंका को पैदा करता है। यह सब बातें नॉर्मल नहीं थी और इसी के चलते उनकी मृत्यु का रहस्य कभी नहीं सुलझ सका है।
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