लखनऊ, वाईबीएन नेटवर्क।
Ram Mandir Anniversary: अयोध्या में भगवान रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ 11 जनवरी को मनाई जा रही है। भव्य राम मंदिर को विदेशी फूलों से सजाया गया है। देश-विदेश से साधु संत और श्रद्धालु भगवान रामलला के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। इस मौके पर पीएम मोदी ने देशवासियों को बधाई दी है। प्राण-प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ का महोत्सव 3 दिनों तक चलेगा। इस अवसर पर अयोध्या में कई धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है।
रामलला ने पहने सोने के तारों से बने वस्त्र
सीएम योगी ने प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर भगवान रामलला की विशेष पूजा की। पुजारियों ने रामलला का पंचामृत से अभिषेक किया और विधि विधान से पूजन किया गया। इसके बाद रामलला को सोने के तारों से सजे हुए वस्त्र पहनाए गए हैं। भगवान राम को हीरा जड़ित मुकुट धारण करवाया गया है। भगवान के दर्शन के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु पहुंचे हैं।
11 जनवरी को क्यों मनाई जा रही वर्षगांठ?
22 जनवरी 2024 को रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी, लेकिन प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ 11 जनवरी को मनाई जा रही है। दरअसल, हिन्दू पंचांग के अनुसार, 22 जनवरी 2024 के दिन पौष, शुक्ल पक्ष, द्वादशी की तिथि थी। वहीं 2025 में ये तिथि 11 जनवरी को ही पड़ रही है। ऐसे में प्रतिष्ठा का उत्सव 11 जनवरी को मनाया जाएगा।
ये भी पढ़ें: Pakistan International Airlines: पाकिस्तान-यूरोप में शुरू हुई फ्लाइट तो लोगों ने याद दिलाया 9/11?
प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में क्या बदला?
अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से कई महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से पर्यटकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। जानकारी के मुताबिक, प्रतिदिन एक लाख से अधिक श्रद्धालु मंदिर में आ रहे हैं। इससे अर्थव्यवस्था को भी फायदा हुआ है। वहीं अगर इंफ्रांसट्रक्चर की बात करें तो राम मंदिर के निर्माण के साथ-साथ अयोध्या में बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है। पीएम मोदी ने अयोध्या में ₹11,000 करोड़ से ज्यादा की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया है, जिससे कनेक्टिविटी में सुधार हुआ है।
ये भी पढ़ें: Massive Fire in Los Angeles: विकराल होती जा रही है आग 150 अरब डॉलर खाक
राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा
आपको बता दें कि 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी। राम जन्मभूमि स्थल को लेकर 500 वर्षों से विवाद था, जिसे 2019 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सुलझाया गया। इसके बाद से जन्म भूमि पर भव्य राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। मंदिर निर्माण के लिए लाखों लोगों ने दान दिया है, जिसमें भारतीय और विदेशी भक्त शामिल हैं। गर्भगृह में भगवान राम की बाल रूप की प्रतिमा स्थापित की गई है।
ये भी पढ़ें: चुनावी टेस्ट में पास होंगे अवध ओझा? Patparganj में किसकी होगी जीत