नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । जब एक और कांग्रेस का नेता अमित शाह की तारीफ में कसीदे पढ़े, तो सियासत में हलचल मचती ही है। क्या वाकई कांग्रेस में दरार है या रणनीति के तहत हो रही है ‘दोस्ती’? विजय नामदेवराव वडेट्टीवार ने नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन की सराहना करते हुए जो कहा, उससे कई सवाल खड़े हो गए हैं। क्या अब कांग्रेस नेताओं को भाजपा की नीतियां सही लगने लगी हैं? या फिर 2024 के नतीजों के बाद खुद को बचाने की सियासी जद्दोजहद शुरू हो चुकी है?
महाराष्ट्र के कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने नक्सली मुठभेड़ पर केंद्र और खासतौर पर गृह मंत्री अमित शाह की खुले मंच से तारीफ कर दी। उन्होंने कहा कि शाह का नक्सलवाद खत्म करने का वादा अब जमीन पर दिख रहा है। इस बयान ने कांग्रेस के भीतर और बाहर चर्चाओं को तेज कर दिया है कि क्या अब कांग्रेस नेता भाजपा से प्रभावित हो रहे हैं?
अब कांग्रेस नेता क्यों कर रहे हैं भाजपा की तारीफ?
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय नामदेवराव वडेट्टीवार का बयान कांग्रेस पार्टी के लिए किसी झटके से कम नहीं। छत्तीसगढ़ में हाल ही में हुई नक्सली मुठभेड़ पर उन्होंने गढ़चिरौली पुलिस की जमकर तारीफ की, साथ ही साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के वादों को भी सराहा।
उन्होंने कहा, “अमित शाह ने कहा था कि 2024 तक नक्सलवाद खत्म कर दिया जाएगा। भले ही इसमें थोड़ा और वक्त लगे, लेकिन उनके प्रयास साफ दिख रहे हैं। हम खुश हैं कि यह सब हो रहा है।”
इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में नए समीकरणों की चर्चाएं छेड़ दी हैं।
क्या बदल रहा है कांग्रेस नेताओं का रुख?
- विजय वडेट्टीवार पहले भी अपने तीखे बयानों के लिए जाने जाते रहे हैं, लेकिन अमित शाह की खुली तारीफ ने एक नई बहस को जन्म दिया है।
- क्या यह कांग्रेस के अंदर चल रही रणनीति का हिस्सा है?
- या फिर ये नेता भाजपा के प्रति सॉफ्ट कॉर्नर बनाने की कोशिश कर रहे हैं?
थरूर और चिदंबरम भी कर चुके हैं तारीफ
- वडेट्टीवार से पहले शशि थरूर ने भी संसद में मोदी सरकार के कुछ फैसलों की तारीफ की थी। पी चिदंबरम ने आर्थिक सुधारों पर केंद्र की रणनीति को ‘जरूरी और असरदार’ कहा था।
- इस तरह के बयानों से कांग्रेस की विचारधारा पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
- कहीं ऐसा तो नहीं कि व्यक्तिगत राजनीतिक भविष्य को सुरक्षित करने के लिए ये नेता भाजपा की नज़दीकी बढ़ा रहे हैं?
राजनीति या रणनीति: जनता में सवाल
- इन बयानों के बाद जनता के बीच चर्चा है कि क्या कांग्रेस नेता अब भाजपा से प्रभावित हो रहे हैं?
- क्या यह बयानबाज़ी आने वाले गठबंधनों की झलक है?
- या फिर यह सिर्फ एक "राजनीतिक शिष्टाचार" है?
क्या कांग्रेस नेताओं का ये बदलता रुख महज इत्तेफाक है या कोई गहरी रणनीति? नीचे कमेंट में अपनी राय जरूर बताएं।
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