नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । पाकिस्तान की राजनीति एक बार फिर उबाल पर है। जेल में बंद इमरान खान की पार्टी पीटीआई फिर से जनता के बीच उतरने जा रही है। देशभर में बड़े आंदोलन की तैयारी ने शहबाज सरकार की नींद उड़ा दी है। जनता महंगाई और भ्रष्टाचार से परेशान है, और इसी गुस्से को भुनाने की तैयारी में हैं इमरान। क्या यह पाकिस्तान की राजनीति में एक बड़ा तूफान बनकर आएगा?
पाकिस्तान में एक बार फिर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) देशभर में बड़े आंदोलन की योजना बना रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह आंदोलन शहबाज शरीफ सरकार की स्थिरता को खतरे में डाल सकता है। भ्रष्टाचार, महंगाई और बेरोजगारी से जूझ रही जनता में गुस्सा है, और इमरान खान इस मौके को भुनाने के लिए तैयार हैं। सवाल है – क्या पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन की भूमिका फिर से बन रही है?
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इमरान खान की पार्टी मैदान में, आंदोलन की पूरी तैयारी
- पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) एक बार फिर सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरने जा रही है।
- सूत्रों के अनुसार, पार्टी कार्यकर्ताओं को पूरे देश में जुटने के निर्देश दिए गए हैं।
- PTI का मकसद है – शहबाज सरकार को जनता के सामने बेनकाब करना और "असली लोकतंत्र की वापसी" की मांग को लेकर जनांदोलन छेड़ना।
- पार्टी की कोर कमेटी का कहना है कि इमरान खान को राजनीतिक साजिश के तहत जेल में डाला गया है।
- अब समय आ गया है जब जनता खुद फैसला करे कि कौन सही और कौन ग़लत।
जनता में गुस्सा: महंगाई, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी
- शहबाज शरीफ सरकार के खिलाफ लोगों का गुस्सा लगातार बढ़ रहा है।
- महंगाई चरम पर है, बिजली-पानी की हालत खराब, और बेरोजगारी आसमान छू रही है।
- पाकिस्तान की युवा पीढ़ी खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है।
- यही वजह है कि PTI के आंदोलन को जनता का बड़ा समर्थन मिल सकता है।
- महंगाई, बेरोजगारी, और भ्रष्टाचार – ये तीन कीवर्ड इस आंदोलन के केंद्र में हैं।
जेल में बंद इमरान, लेकिन इरादों में आग
- भले ही इमरान खान इस वक्त जेल में हैं, लेकिन उनकी रणनीति साफ़ है।
- पार्टी नेताओं के जरिए वे लगातार संदेश दे रहे हैं कि "अब आर-पार की लड़ाई होगी।"
- PTI का मानना है कि सेना और शहबाज सरकार मिलकर लोकतंत्र को खत्म कर रही है।
इसलिए अब वक्त आ गया है कि लोग आवाज उठाएं।
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सेना की भूमिका फिर चर्चा में
- पाकिस्तान की राजनीति में सेना की भूमिका हमेशा सवालों के घेरे में रही है।
- इमरान खान और उनके समर्थक सेना पर खुलेआम आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने चुनावों में गड़बड़ी करवाई।
- PTI के नेता दावा कर रहे हैं कि सेना और सत्ता के गठजोड़ से देश की जनता को धोखा दिया गया।
- अब ये आरोप जनता के बीच कितनी गंभीरता से लिए जाते हैं, यही तय करेगा आंदोलन की दिशा।
अंतरराष्ट्रीय निगाहें भी टिकीं
- पाकिस्तान की मौजूदा स्थिति पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी नजर बनाए हुए है।
- अमेरिका, चीन और खाड़ी देशों को चिंता है कि राजनीतिक अस्थिरता से आर्थिक हालात और बिगड़ सकते हैं।
- आने वाले हफ्ते पाकिस्तान की राजनीति के लिए बेहद निर्णायक साबित हो सकते हैं।
क्या फिर सत्ता में लौटेंगे इमरान?
- बड़ा सवाल यह है कि क्या इमरान खान का यह आंदोलन उन्हें फिर सत्ता में ला पाएगा?
- पार्टी के पास अब भी जमीनी समर्थन है, लेकिन सेना और सत्ता प्रतिष्ठान उनके खिलाफ खड़ा है।
- हालांकि जनता का गुस्सा इस वक्त उनके पक्ष में जाता दिख रहा है।
- PTI ने साफ किया है कि यह कोई राजनीतिक ड्रामा नहीं, बल्कि 'नए पाकिस्तान' की लड़ाई है।
राजनीति के इस तूफान से क्या बचेगी शहबाज सरकार?
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अगर यह आंदोलन जोर पकड़ता है, तो पाकिस्तान की राजनीति एक बार फिर पलटी खा सकती है। शहबाज सरकार के लिए यह परीक्षा की घड़ी है – क्या वह जनता के गुस्से का सामना कर पाएगी? या फिर इमरान खान का सपना 'वापसी की राजनीति' हकीकत बन जाएगा? पाकिस्तान अब एक बड़े राजनीतिक मोड़ पर खड़ा है।
क्या आप मानते हैं कि इमरान खान की वापसी पाकिस्तान को स्थिरता दे सकती है? या फिर ये सिर्फ सत्ता की भूख है? अपनी राय नीचे कमेंट करें।
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