नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क । 5000 पाकिस्तानी नागरिकों के लापता होने की गुत्थी ने सुरक्षा एजेंसियों को कटघरे में खड़ा कर दिया है। कैसे ये लोग भारत की सरजमीं पर गायब हो जाते हैं, बिना किसी निशान के? क्या ये घुसपैठ का हिस्सा है या संगठित अपराध का नया चेहरा? सुरक्षा एजेंसियों पर सवाल उठ रहे हैं- क्या उनकी नाकामी है या कोई अंदरूनी साजिश?
और सबसे बड़ा सवाल- इन गुनहगारों का मददगार कौन है? क्या कोई स्थानीय शख्स, लालच में अंधा होकर, देश की सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहा है? फर्जी आधार कार्ड बनाने वाला रैकेट दिल्ली की गलियों से लेकर सीमा पार तक फैला हुआ है, जिसके तार बांग्लादेशी घुसपैठियों और संदिग्ध पाकिस्तानी कनेक्शनों से जुड़ रहे हैं। यह सिर्फ अपराध की कहानी नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर एक बड़ा सवाल है, जिसका जवाब ढूंढना अब वक्त की मांग है। सुरक्षा एजेसिंयों ने लापता पाकिस्तानी नागरिकों को पकड़ने का बड़ा प्लान बनाया है।
दिल्ली में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां 5000 पाकिस्तानी नागरिकों के अस्पतालों में फर्जी पते दर्ज कराए जाने और फिर गायब होने की खबरें सामने आई हैं। यह मामला सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय बन गया है, खासकर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद। सुरक्षा बलों को आशंका है कि ये व्यक्ति अवैध रूप से भारत में रह रहे होंगे और संभावित सुरक्षा खतरा पैदा कर सकते हैं।
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क्या है पूरा मामला ?
सूत्रों के अनुसार, 5000 पाकिस्तानी नागरिकों ने दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में इलाज कराने के दौरान फर्जी पते और दस्तावेज दिए थे। जब अधिकारियों ने इन पतों की पड़ताल की, तो पता चला कि ये पते गलत हैं और ऐसे कोई व्यक्ति वहां नहीं रहते। इसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने इन व्यक्तियों की तलाश शुरू की, लेकिन वे गायब हो चुके थे।
पहलगाम हमले से क्या है कनेक्शन ?
इस मामले की गंभीरता इसलिए बढ़ गई है क्योंकि हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था, जिसमें कई सैनिक शहीद हो गए थे। सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि ये पाकिस्तानी नागरिक अवैध तरीके से भारत में घुसकर कोई गलत गतिविधि कर सकते थे। हालांकि, अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि ये लोग आतंकी संगठनों से जुड़े हैं या नहीं।
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सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई
इस मामले को लेकर दिल्ली पुलिस, इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और अन्य सुरक्षा एजेंसियां जांच कर रही हैं। अस्पतालों के रिकॉर्ड की जांच की जा रही है कि ये व्यक्ति किन दस्तावेजों के आधार पर भर्ती हुए थे। साथ ही, इनके संभावित ठिकानों की तलाश भी जारी है।
फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कैसे हुआ ?
जांच में पता चला है कि इन पाकिस्तानी नागरिकों ने भारतीय नागरिकों के नकली आधार कार्ड और पते का इस्तेमाल किया था। कुछ मामलों में अस्पताल प्रशासन ने भी बिना सही जांच के इन्हें भर्ती कर लिया। अब इन अस्पतालों से भी पूछताछ की जा रही है कि उन्होंने दस्तावेजों की पुष्टि क्यों नहीं की।
क्या है सरकार की प्रतिक्रिया ?
केंद्र सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और राजधानी दिल्ली समेत अन्य शहरों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। विदेशी नागरिकों के रिकॉर्ड की जांच की जा रही है ताकि किसी भी अवैध घुसपैठ को रोका जा सके।
आम जनता के लिए सलाह
सुरक्षा एजेंसियों ने आम लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। अगर किसी को कोई संदिग्ध व्यक्ति दिखाई दे, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। साथ ही, अस्पतालों और अन्य संस्थानों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे किसी भी मरीज के दस्तावेजों की अच्छी तरह से पुष्टि करें।
यह मामला एक बार फिर देश की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है। अगर पाकिस्तानी नागरिक आसानी से फर्जी दस्तावेज बनाकर भारत में प्रवेश कर सकते हैं और गायब हो सकते हैं, तो यह एक बड़ी सुरक्षा चूक है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियों को इस मामले में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। pakistani | aadhar card | delhi | delhi police | hospital |