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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क । अपने शहीद भाई को याद कर रोती बिलखती और गुस्से से चीखती बहन ने कहा कि जिन आतंकियों ने मेरे भाई को मारा मुझे उन आतंकियों का सिर चाहिए तभी मुझे सुकून मिलेगा। बहन ने कहा कि मेरा भाई डेढ़ घंटे तक जिंदा रहा लेकिन कोई मदद नहीं, अगर मदद मिल जाती तो मेरा भाई जिंदा होता।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई, जिनमें हरियाणा के करनाल के रहने वाले भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल भी शामिल थे।
विनय, जो अपनी शादी के महज आठ दिन बाद पत्नी हिमांशी के साथ हनीमून के लिए पहलगाम गए थे, आतंकियों की गोली का शिकार हो गए। उनकी बहन सृष्टि नरवाल ने इस घटना पर गहरा दुख और आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि अगर समय पर मदद मिली होती, तो उनका भाई शायद आज जिंदा होता।
नवविवाहित जोड़े का सपना हुआ चूर
Jammu & Kashmir Pahalgam Terror Attack | 26 वर्षीय विनय नरवाल ने 16 अप्रैल 2025 को मसूरी में हिमांशी के साथ शादी रचाई थी। शादी के बाद 19 अप्रैल को करनाल में एक भव्य रिसेप्शन हुआ। नवविवाहित जोड़ा शुरू में स्विट्जरलैंड में हनीमून मनाने की योजना बना रहा था, लेकिन वीजा संबंधी समस्याओं के कारण उन्होंने जम्मू-कश्मीर का रुख किया।
21 अप्रैल को वे पहलगाम पहुंचे और अगले दिन बैसरण मीडोज में उस भयावह हमले का शिकार हो गए, जिसे स्थानीय लोग 'मिनी स्विट्जरलैंड' कहते हैं। हिमांशी ने बताया कि वे दोनों बेलपुरी खा रहे थे, तभी एक आतंकी ने विनय से उनका धर्म पूछा। जब विनय ने जवाब दिया कि वह मुस्लिम नहीं हैं, तो आतंकी ने उन्हें तीन गोलियां मार दीं। हिमांशी इस हमले में बाल-बाल बच गईं, लेकिन उनके पति की मौके पर ही मौत हो गई।
बहन का दर्द: डेढ़ घंटे तक तड़फता रहा भाई
विनय की छोटी बहन सृष्टि ने अंतिम संस्कार के दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मुलाकात की और अपने भाई की मौत के लिए जिम्मेदार आतंकियों को कड़ी सजा देने की मांग की। सृष्टि ने दावा किया कि गोली लगने के बाद विनय डेढ़ घंटे तक जिंदा थे, लेकिन उस दौरान उन्हें कोई चिकित्सकीय सहायता या बचाव दल नहीं मिला। उन्होंने कहा, "मेरे भाई को बचाया जा सकता था। अगर समय पर सेना या मेडिकल टीम पहुंच जाती, तो शायद वह आज हमारे बीच होता।" सृष्टि का यह बयान उस दुख और गुस्से को दर्शाता है, जो विनय के परिवार और पूरे देश में इस हमले के बाद व्याप्त है।
परिवार का सैन्य इतिहास और विनय की देशभक्ति
विनय का परिवार देश सेवा की गौरवशाली परंपरा से जुड़ा है। उनके दादा हवा सिंह हरियाणा पुलिस से रिटायर्ड हैं और पहले सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में सेवा दे चुके हैं। विनय के नाना के भाई ब्रिटिश काल में सेना में थे, और उनके एक चचेरे भाई वर्तमान में सेना में कार्यरत हैं। विनय ने दिल्ली से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद नौसेना में शामिल होने का फैसला किया। तीन साल पहले वे नौसेना में लेफ्टिनेंट के रूप में शामिल हुए और वर्तमान में केरल के कोच्चि में तैनात थे। उनके दादा ने बताया कि विनय बचपन से ही सैन्य वाहनों और देश सेवा से प्रेरित थे।
अंतिम विदाई में उमड़ा जनसैलाब
23 अप्रैल को करनाल के सेक्टर 7 में विनय का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया। उनकी बहन सृष्टि और चचेरे भाई ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, नौसेना के कई अधिकारी, और स्थानीय लोग मौजूद थे। सृष्टि ने अर्थी को कंधा भी दिया, जो उनके साहस और भाई के प्रति प्रेम को दर्शाता है। पूरा शहर विनय को अंतिम विदाई देने के लिए उमड़ पड़ा, और हर आंख नम थी।
देश का गुस्सा और न्याय की मांग
इस हमले ने देश में आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाने की मांग को और तेज कर दिया है। भारतीय नौसेना के प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने विनय की मौत पर गहरा दुख जताया और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की और दोषियों को सजा दिलाने का वादा किया। सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बैसरण क्षेत्र में संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया है, ताकि हमलावरों को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके।
विनय नरवाल की शहादत न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनकी बहन सृष्टि की वह पुकार, जिसमें उन्होंने अपने भाई के हत्यारे का सिर मांगा, देश के हर नागरिक के दिल में गूंज रही है। यह घटना हमें याद दिलाती है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अभी और सख्ती की जरूरत है।