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''ऑपरेशन सिंदूर'' की कहानी, जानें- World Media की जुबानी

भारत द्वारा किए गए एक साहसी हवाई हमले, जिसे ऑपरेशन सिंदूर के नाम से जाना गया, ने न केवल पाकिस्तान को बल्कि पूरी दुनिया को चौंका दिया।आइए, इस घटना के हर पहलू को दुनिया के तमाम मीडिया क्या कहती है इसको विस्तार से समझते हैं।

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Ajit Kumar Pandey
WORLD MEDIA OPERATION SINDOOR
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का इतिहास लंबा और जटिल रहा है। दोनों देशों के बीच समय-समय पर सैन्य कार्रवाइयां और सीमा पर तनाव की खबरें सुर्खियां बनती रही हैं।

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हाल ही में भारत द्वारा किए गए एक साहसी हवाई हमले, जिसे ऑपरेशन सिंदूर के नाम से जाना गया, ने न केवल पाकिस्तान को बल्कि पूरी दुनिया को चौंका दिया।

इस ऑपरेशन ने भारत की सैन्य ताकत, रणनीतिक बुद्धिमत्ता और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को एक बार फिर साबित किया। आइए, इस घटना के हर पहलू को दुनिया के तमाम मीडिया क्या कहती है इसको विस्तार से समझते हैं।

विश्व मीडिया की प्रतिक्रिया

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ऑपरेशन सिंदूर के बाद विश्व मीडिया में भारत की इस कार्रवाई की खूब चर्चा हुई। आइए एक नजर डालते हैं...

बीबीसी: बीबीसी ने इस हमले को भारत की आतंकवाद के खिलाफ कठोर नीति का प्रतीक बताया। साथ ही, इसने भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर भी चिंता जताई।

BBC

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सीएनएन: सीएनएन ने भारतीय वायुसेना की तकनीकी क्षमता और इस ऑपरेशन की सटीकता की प्रशंसा की।

CNN WORLD

अल जजीरा: अल जजीरा ने इस हमले को भारत की सैन्य शक्ति का प्रदर्शन बताया, लेकिन साथ ही क्षेत्रीय शांति पर इसके प्रभाव को लेकर सवाल उठाए।

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द न्यूयॉर्क टाइम्स: इस अखबार ने लिखा कि भारत ने इस हमले से पाकिस्तान को साफ संदेश दिया है कि वह आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा।

THE NEW YARK TIMES

द गार्जियन: ब्रिटिश अखबार द गार्जियन ने इसे 'कश्मीर क्राइसिस' कहा है। अखबार ने हमले से पहले मोदी के उस बयान को प्रमुखता से छापा है जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान की सीमा में बहने वाला पानी बाहर नहीं जाएगा।

THE GARDIAN

विश्व मीडिया ने इस ऑपरेशन को एक ऐतिहासिक घटना के रूप में देखा, जिसने भारत की सैन्य रणनीति और आतंकवाद के खिलाफ उसकी प्रतिबद्धता को दुनिया के सामने रखा।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया

पाकिस्तान ने इस हमले को अपनी संप्रभुता पर हमला बताते हुए इसका विरोध किया। हालांकि, पाकिस्तान ने यह भी दावा किया कि भारतीय विमानों ने कोई बड़ा नुकसान नहीं पहुंचाया और केवल कुछ पेड़-पौधों को निशाना बनाया। लेकिन भारतीय खुफिया एजेंसियों और सैटेलाइट तस्वीरों ने साबित किया कि बालाकोट में आतंकी ठिकाने पूरी तरह नष्ट हो गए थे।

पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई की कोशिश की, लेकिन भारतीय वायुसेना ने उसकी इस कोशिश को नाकाम कर दिया। इस दौरान भारतीय पायलट विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को पाकिस्तान ने हिरासत में लिया, लेकिन भारत के दबाव के बाद उन्हें जल्द ही रिहा करना पड़ा।

भारत में जनता और नेताओं की प्रतिक्रिया

भारत में इस ऑपरेशन को लेकर जनता में उत्साह की लहर दौड़ गई। सोशल मीडिया पर #BalakotAirstrike और #OperationSindoor ट्रेंड करने लगे। लोग भारतीय वायुसेना की बहादुरी की तारीफ कर रहे थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऑपरेशन को भारत की ताकत का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, "भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में कभी पीछे नहीं हटेगा।" विपक्षी दलों ने भी इस ऑपरेशन की तारीफ की, हालांकि कुछ नेताओं ने इसे राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करने का आरोप भी लगाया।

ऑपरेशन सिंदूर का महत्व

ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की सैन्य रणनीति में एक नया अध्याय जोड़ा। इसने न केवल आतंकवाद के खिलाफ भारत की कठोर नीति को दर्शाया, बल्कि यह भी साबित किया कि भारत अपनी संप्रभुता और सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।

आतंकवाद के खिलाफ संदेश: इस ऑपरेशन ने दुनिया को दिखाया कि भारत आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा।

सैन्य ताकत का प्रदर्शन: भारतीय वायुसेना की क्षमता और तकनीकी कौशल ने दुनिया को प्रभावित किया।

क्षेत्रीय शक्ति संतुलन: इस कार्रवाई ने दक्षिण एशिया में भारत की स्थिति को और मजबूत किया।

ऑपरेशन सिंदूर भारत के इतिहास में एक सुनहरा पन्ना है। यह न केवल एक सैन्य सफलता थी, बल्कि यह भारत की एकता, संकल्प और साहस का प्रतीक भी बन गया। इस ऑपरेशन ने पाकिस्तान को साफ संदेश दिया कि भारत अपनी सुरक्षा और संप्रभुता के साथ कोई समझौता नहीं करेगा। विश्व मीडिया की प्रतिक्रियाओं ने भी इस बात को रेखांकित किया कि भारत अब एक ऐसी शक्ति है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

ऑपरेशन सिंदूर का बैकग्राउंड

पुलवामा हमले के बाद भारत में आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की मांग तेज हो गई थी। 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ, जिसमें 40 से अधिक जवान शहीद हो गए। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली। भारत ने इस हमले को बर्दाश्त नहीं किया और इसका जवाब देने के लिए एक ठोस रणनीति बनाई।

26 फरवरी 2019 को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में स्थित आतंकी ठिकानों पर हवाई हमला किया। इस ऑपरेशन को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया। भारतीय वायुसेना के मिराज-2000 लड़ाकू विमानों ने बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े आतंकी प्रशिक्षण शिविर को नष्ट कर दिया। यह हमला रात के अंधेरे में इतनी सटीकता के साथ किया गया कि पाकिस्तान को इसकी भनक तक नहीं लगी।

ऑपरेशन की खासियत

ऑपरेशन सिंदूर की सबसे बड़ी खासियत थी इसकी गोपनीयता और सटीकता। भारतीय वायुसेना ने न केवल दुश्मन के इलाके में घुसकर हमला किया, बल्कि इसे बिना किसी नुकसान के अंजाम दिया। इस ऑपरेशन में शामिल पायलटों की बहादुरी और तकनीकी कौशल की पूरी दुनिया में तारीफ हुई।

रणनीतिक योजना: भारत ने इस हमले की योजना इतनी गोपनीय रखी कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों को इसकी जानकारी नहीं हो सकी।

उन्नत तकनीक: मिराज-2000 विमानों के साथ लेजर-गाइडेड बमों का इस्तेमाल किया गया, जो आतंकी ठिकानों को सटीक निशाना बनाने में सक्षम थे।

सटीक खुफिया जानकारी: भारतीय खुफिया एजेंसियों ने आतंकी ठिकानों की सटीक लोकेशन और उनके महत्व को पहले ही भांप लिया था।

आज, जब हम इस ऑपरेशन को याद करते हैं, तो यह हमें भारतीय वायुसेना के साहस और देश के प्रति उनकी निष्ठा पर गर्व करने का अवसर देता है। क्या यह ऑपरेशन क्षेत्रीय शांति की दिशा में एक कदम था, या यह भारत-पाक तनाव को और बढ़ाने वाला साबित होगा? यह सवाल भविष्य के गर्भ में है, लेकिन एक बात तय है- ऑपरेशन सिंदूर ने भारत के इतिहास में एक अमिट छाप छोड़ी है।

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