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पाकिस्तान का बड़ा फैसला: कौन हैं लेफ्टिनेंट जनरल असीम मलिक, क्यों बनाए गए NSA

पाकिस्तान ने आईएसआई चीफ लेफ्टिनेंट जनरल असीम मलिक को एनएसए नियुक्त किया है, जो भारत के पहलगाम आतंकी हमले के बाद एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है।

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Ajit Kumar Pandey
PAKISTANI ISI CHAIEF
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क ।अचानक पाकिस्तान ने बड़ा फैसला लेते हुए आईएसआई चीफ को एनएसए की जिम्मेदारी सौंपी है। यह फेरबदल भारत के कश्मीर में हुए पहलगाम टेरर अटैक के बाद लिया गया है। भारत ने हमले के बाद जांचोपरांत पाकिस्तान के शामिल होने का आरोप भी लगाया है। साथ ही हमले को लेकर तमाम सुबूत भी भारत ने जुटाए हैं और कई देशों के राजदूतों को इसकी पूरी जानकारी भी दी गई है। 

बता दें कि 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बाइसारन मीडो में पर्यटकों पर आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई। इस हमले की जिम्मेदारी द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली, जो पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का सहयोगी माना जाता है। बाद में TRF ने अपनी जिम्मेदारी वापस ले ली, जिसे पाकिस्तान के रक्षा प्रतिष्ठान के दबाव के रूप में देखा जा रहा है। हमले में शामिल एक आतंकी, हाशिम मूसा, पाकिस्तान सेना के विशेष बलों का पूर्व पैरा कमांडो निकला, जिससे ISI की भूमिका पर सवाल उठे।

भारत ने इस हमले के बाद कड़े कदम उठाए। इनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना, पाकिस्तानी सैन्य अटैचियों को निष्कासित करना, भारतीय हवाई क्षेत्र को पाकिस्तानी एयरलाइंस के लिए बंद करना और अटारी-वाघा सीमा को बंद करना शामिल है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकियों और उनके समर्थकों को सजा देने का संकल्प लिया और सेना को पूर्ण कार्रवाई की स्वतंत्रता दी।

असीम मलिक: कौन हैं और क्यों अहम है उनकी नियुक्ति?

लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद असीम मलिक सितंबर 2024 से ISI के प्रमुख हैं। इससे पहले वे पाकिस्तान सेना के जनरल हेडक्वार्टर्स में एडजुटेंट जनरल के रूप में कार्यरत थे, जहां उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी और उसके बाद हुए प्रदर्शनों के दौरान अनुशासनात्मक मामलों का प्रबंधन किया। मलिक ने वजीरिस्तान में इन्फैंट्री ब्रिगेड और बलूचिस्तान में इन्फैंट्री डिवीजन का नेतृत्व किया है। वे इस्लामाबाद के नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी और क्वेटा के कमांड एंड स्टाफ कॉलेज में प्रशिक्षक भी रहे हैं।

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उनकी NSA के रूप में नियुक्ति को पाकिस्तान का रणनीतिक कदम माना जा रहा है। यह पहली बार है जब पाकिस्तान में एक सक्रिय ISI प्रमुख को NSA की जिम्मेदारी दी गई है। इससे पहले अप्रैल 2022 से NSA का पद खाली था। विश्लेषकों का मानना है कि यह नियुक्ति भारत के साथ संभावित सैन्य टकराव की आशंका को देखते हुए की गई है। पाकिस्तान के सूचना मंत्री अत्ताउल्लाह तरार ने दावा किया कि भारत अगले 24-36 घंटों में सैन्य कार्रवाई कर सकता है, जिसके लिए पाकिस्तान ने अपनी सीमाओं पर सैन्य तैनाती बढ़ा दी है।

भारत-पाक तनाव: दोनों देशों की प्रतिक्रियाएं

पहलगाम हमले के बाद भारत ने न केवल कूटनीतिक बल्कि आर्थिक और रणनीतिक कदम भी उठाए। भारत ने पाकिस्तानी हस्तियों, जैसे माहिरा खान और हानिया आमिर, के सोशल मीडिया खातों को राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर निलंबित कर दिया। इसके अलावा, नियंत्रण रेखा (LoC) पर लगातार सातवें दिन संघर्षविराम उल्लंघन की खबरें आईं, जिसमें अखनूर सेक्टर में पाकिस्तानी पक्ष से गोलीबारी की गई।

पाकिस्तान ने भारत के आरोपों को "बेबुनियाद" करार देते हुए तटस्थ जांच की मांग की है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की आपात बैठक बुलाई, जिसमें सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर भी शामिल हुए। पाकिस्तान ने अपने राजनयिकों को विभिन्न देशों की राजधानियों में भेजा और आतंकियों को बंकरों में छिपाने के साथ-साथ सीमा पर सैन्य तैनाती बढ़ाई।

क्षेत्रीय और वैश्विक प्रभाव

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इस तनाव ने दक्षिण एशिया में भू-राजनीतिक स्थिति को और जटिल कर दिया है। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि पाकिस्तान ने चीन से सैन्य सहायता मांगी, जिसमें PL-15 मिसाइलें शामिल हैं। हालांकि, चीन ने अभी तक इस पर स्पष्ट रुख नहीं अपनाया। संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है।

पहलगाम हमले की जांच में स्थानीय सहायकों और आतंकियों की भूमिका सामने आई है। 15 कश्मीरी ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGWs) से पूछताछ में पता चला कि उन्होंने हमले में लॉजिस्टिक्स और टोही में मदद की। जांच में दो अन्य पाकिस्तानी आतंकियों, अली भाई और स्थानीय आतंकियों, आदिल ठोकर और आसिफ शेख, की संलिप्तता भी उजागर हुई।

आगे क्या?

असीम मलिक की नियुक्ति से पाकिस्तान ने अपनी सुरक्षा रणनीति को और सैन्य केंद्रित करने का संकेत दिया है। हालांकि, कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम पाकिस्तान की आंतरिक कमजोरियों, जैसे आर्थिक संकट और बलूचिस्तान में अशांति, को छिपाने की कोशिश हो सकता है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई करेगा, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ सकता है।

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इस बीच, वैश्विक समुदाय इस क्षेत्र में शांति की उम्मीद कर रहा है। पहलगाम हमले ने एक बार फिर भारत-पाक संबंधों की नाजुकता को उजागर किया है। क्या यह तनाव युद्ध की ओर जाएगा या कूटनीति से सुलझेगा, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा। pakistan | highlights india vs pakistan | breaking news india pakistan |

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