नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । भारत के दुश्मनों को अब सिर्फ बंदूक से नहीं, चिप से जवाब मिलेगा। ऑपरेशन सिंदूर से मिला सबक, वायुसेना ने बदली रणनीति। तकनीक से युद्ध जीतने का नया रोडमैप तैयार। एयर चीफ मार्शल ने देश को दिया बड़ा संदेश।भविष्य के युद्धों की तैयारी में जुटा भारत।
दिल्ली में हुए CII बिजनेस समिट 2025 में भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने साफ कहा कि भविष्य के युद्धों में हथियारों से ज़्यादा तकनीक निर्णायक भूमिका निभाएगी। उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' का हवाला देते हुए बताया कि अब भारत की तीनों सेनाएं नई तकनीक को अपनाने के मिशन पर हैं। ये बयान भारत की सैन्य रणनीति में एक बड़े बदलाव का संकेत है।
तकनीक बन रही है नए युद्धों की रीढ़
CII (भारतीय उद्योग परिसंघ) के सालाना समिट में भारतीय वायुसेना प्रमुख ने खुलकर कहा कि अब युद्ध का चेहरा पूरी तरह बदल चुका है। जहां पहले रणभूमि में ताकत और हथियार मायने रखते थे, वहीं अब तकनीक ही सबसे बड़ी ताकत बन चुकी है।
उन्होंने कहा, “हर दिन नई तकनीक सामने आ रही है और हम उसे तेजी से अपनाने में जुटे हैं। ऑपरेशन सिंदूर इसका ताजा उदाहरण है, जिसने हमें सिखाया कि अगली जंग सिर्फ ताकत की नहीं, बुद्धिमत्ता और इनोवेशन की होगी।”
'ऑपरेशन सिंदूर' से मिली नई दिशा
एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह के मुताबिक, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने तीनों सेनाओं को एक बार फिर सोचने पर मजबूर किया कि क्या हमारी युद्ध नीति आने वाले समय की जरूरतों के मुताबिक है या नहीं। उन्होंने स्वीकार किया कि अब विचार प्रक्रिया को बदलने और सैन्य रणनीतियों को फिर से संगठित करने का समय आ गया है।
उन्होंने भरोसा जताया कि अगर अब तक हमारी सेनाएं हर चुनौती का सफलतापूर्वक सामना कर सकी हैं, तो आने वाले समय में भी भारत बेहतर प्रदर्शन करेगा।
डिजिटल युद्ध का युग शुरू
आज के दौर में ड्रोन, AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), साइबर सुरक्षा और सैटेलाइट आधारित हथियार ही असली गेम चेंजर बनते जा रहे हैं। वायुसेना प्रमुख ने कहा, “हम जिस दिशा में जा रहे हैं, वहां परंपरागत हथियारों की भूमिका घटती जा रही है और स्मार्ट वॉरफेयर टेक्नोलॉजी का प्रभाव बढ़ता जा रहा है।”
सैन्य नीति में ऐतिहासिक बदलाव की शुरुआत
वायुसेना प्रमुख के यह बयान भारत की सैन्य तैयारियों में एक ऐतिहासिक बदलाव की ओर इशारा करते हैं। आने वाले समय में भारत की सैन्य नीतियां तकनीक केंद्रित होंगी, जहां डाटा, ड्रोन, AI और सैटेलाइट्स ही असली हथियार होंगे।
भारत जैसे तकनीक उभरते राष्ट्र के लिए यह सोच कितनी जरूरी है? क्या आप मानते हैं कि अगली जंग मिसाइल नहीं, माइक्रोचिप से लड़ी जाएगी? अपने विचार कमेंट में ज़रूर साझा करें।
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