नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। भारत की पहली हाई-स्पीड रेल परियोजना (मुंबई से अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन कॉरिडोर) ने निर्माण के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) के मुताबिक वायाडक्ट निर्माण पूरा हो चुका है, जबकि कई प्रमुख हिस्सों में निर्माण कार्य जोरों पर है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को ट्वीट कर जानकारी दी कि बुलेट ट्रेन कॉरिडोर प्रोजेक्ट में 300 मीटर लंबे वायाडक्ट का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया। यह निर्माण भारत में पहली बार प्रयोग की गई अत्यंत आधुनिक टैक्नोलॉजी से हुआ है।
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508 किमी लंबा है पूरा कॉरिडोर
508 किमी लंबे इस कॉरिडोर में गुजरात और दादरा-नगर हवेली में 352 किमी, तथा महाराष्ट्र में 156 किमी हिस्सा है। यह परियोजना मुंबई, ठाणे, सूरत, वडोदरा और अहमदाबाद जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ती है और कुल 12 स्टेशनों की योजना है। बता दें कि 18 अप्रैल तक 293 किमी वायाडक्ट तैयार हो चुका था। आज केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि 300 किमी के वायाडक्ट का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। इस वायाडक्ट के निर्माण में इस्तेमाल टैक्नोलॉजी देश में पहली बार प्रयोग में लाई गई है।
महाराष्ट्र में टनल और स्टेशन निर्माण जोरों पर
बीकेसी से शिलफाटा तक की 21 किमी सुरंग में अब तक 3.3 किमी टनल हेडिंग पूरी हो चुकी है। इसके साथ ही पालघर में 7 माउंटेन टनल्स पर कार्य जारी है। विक्रोली और सावलई शाफ्ट क्रमशः 56 और 39 मीटर की गहराई तक पहुंच चुके हैं। मुंबई बुलेट स्टेशन पर खुदाई और बेस स्लैब का काम प्रगति पर है, जो 80 प्रतिशत से अधिक पूरा कर लिया गया है। स्टेशनों के निर्माण में टेम्परेचर कंट्रोल कंक्रीट और इन-सीटू बैचिंग तकनीक का उपयोग किया गया है, इससे स्टेशन स्वतः वातानुकूलित होंगे। गुजरात राज्य इस प्रोजेक्ट के काम में सबसे आगे है। 143 किमी ट्रैक बेड बनकर तैयार हो चुका है। 150 किमी ट्रैक में तीन लाख नॉइस बैरियर्स लगाए गए हैं। 200 मीटर लंबी रेल पैनल की वेल्डिंग का कार्य जारी है।
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बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में होगा विश्व स्तरीय स्टेशन
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया- बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में काम तेज़ गति से चल रहा है। सबसे निचले बेसमेंट-बी3 पर काम चल रहा है। स्टेशन की दीवारें बनाने का काम शुरू हो गया है। सुरंग का काम भी चल रहा है। स्टेशन के ऊपर एक बहुमंजिला इमारत बनाई जाएगी। B-3 पर कारें पार्क की जाएंगी, B-2 पर ऑपरेशनल काम होगा और B-1 और ग्राउंड लेवल पर यात्री स्टेशन में प्रवेश करेंगे। यहां एक विश्व स्तरीय स्टेशन बनाया जा रहा है।"