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यात्रा के दौरान लगेज की लिमिट सेट करेगा रेलवे, जानिए कौनसे क्‍लास में कितना सामान ले जा सकेंगे?

रेलवे अब ट्रेन यात्रियों के लिए सामान की सीमा तय करने जा रहा है। तय सीमा से अधिक सामान ले जाने पर जुर्माना लगेगा और वजन जांचने के लिए स्टेशन पर मशीनें लगेंगी। वहीं, स्टेशनों पर बड़े ब्रांड्स की दुकानें भी खुलेंगी।

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Suraj Kumar
Railway luggage rule
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नई दिल्‍ली, वाईबीएन डेस्‍क।अक्‍सर लोग ट्रेन यात्रा के दौरान भारी भरकम सामान ले जाते हैं, क्‍योंकि इसकी सीमा तय नहीं है। लेकिन आगे से यात्रियों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। रेलवे अब हवाई यात्रा की तरह सामान को लेकर नियम बनाने जा रहा है। इस नियम के अनुसार निश्चित आकार या वजन से अधिक सामान ले जाने पर पेनल्‍टी देनी पड़ेगी। इसके लिए रेलवे स्‍टेशनों पर मशीनें लगेंगी। जब सामान इन मशीनों से होकर गुजरेगा तो पता चल जाएगा कि सामान का वजन तय सीमा से अधिक है या नहीं। 

अब रेलवे स्टेशनों पर मिलेगा शॉपिंग का नया अनुभव

जल्द ही देश के कई रेलवे स्टेशनों पर बड़े ब्रांड्स की शानदार दुकानें नजर आएंगी। यात्री अब स्टेशन पर ही कपड़े, ट्रैवल एक्सेसरीज, इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे उत्पाद आसानी से खरीद सकेंगे। रेलवे इन दुकानों के लिए टेंडर प्रक्रिया के जरिए जगह आवंटित करेगा। इस कदम से यात्रियों को एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं और माहौल मिल सकेगा, साथ ही रेलवे की कमाई में भी इजाफा होगा। टेंडर से मिलने वाले शुल्क से रेलवे को अच्छी आय होने की उम्मीद है। रेलवे सूत्रों के अनुसार, यात्रियों के साथ ले जाने वाले सामान की सीमा भी तय की जाएगी। उदाहरण के लिए, यदि कोई यात्री सामान्य श्रेणी का टिकट लेकर सफर कर रहा है, तो वह अधिकतम 35 किलो तक का सामान ले जा सकेगा।

रेल यात्रियों के लिए सामान की नई लिमिट तय 

रेलवे ने यात्रियों के साथ ले जाए जाने वाले सामान की अधिकतम सीमा तय कर दी है, जो यात्रा की श्रेणी और सीट व्यवस्था के अनुसार होगी। अगर एक से अधिक यात्री साथ सफर कर रहे हैं, तो वजन सीमा प्रत्येक यात्री के हिसाब से बढ़ेगी। उदाहरण के तौर पर, यदि एक यात्री को 35 किलो सामान ले जाने की अनुमति है, तो दो यात्री 70 किलो तक सामान ले जा सकते हैं।

अब श्रेणीवार सामान सीमा पर नजर डालें- 

जनरल क्लास: 35 किलो प्रति यात्री

स्लीपर और थर्ड एसी: 40 किलो प्रति यात्री

सेकंड एसी: 50 किलो प्रति यात्री

फर्स्ट एसी: 70 किलो प्रति यात्री

रेलवे सूत्रों के मुताबिक, यह नियम यात्रियों की सुविधा और ट्रेन में सीमित जगह के प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए तय किए गए हैं। जनरल डिब्बों में जगह सबसे कम होने के कारण वहां सामान की सीमा कम रखी गई है। वहीं, स्लीपर और थर्ड एसी के सीटिंग पैटर्न एक जैसे होने के चलते, इन दोनों श्रेणियों के लिए सामान की सीमा समान तय की गई है। सेकंड एसी में एक पंक्ति में केवल दो सीटें होने के कारण वहां सामान रखने की अधिक गुंजाइश रहती है, इसीलिए सीमा थोड़ी अधिक है। फर्स्ट एसी में जगह सबसे ज्यादा होती है, जिससे यहां सामान की सीमा भी सबसे अधिक रखी गई है। इस नई व्यवस्था की शुरुआत प्रयागराज जोन से की जा रही है, और इसके सफल क्रियान्वयन के बाद इसे देशभर में लागू किया जाएगा।

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