Advertisment

4-lane Highway Project: केंद्र सरकार ने 3,712 करोड़ रुपये के पटना-सासाराम 4-लेन हाइवे प्रोजेक्ट को दी मंजूरी

प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) ने बिहार में पटना से शुरू होकर सासाराम तक जाने वाले 120 किलोमीटर तक के 4-लेन प्रवेश-नियंत्रित ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड पटना-आरा-सासाराम कॉरिडोर के निर्माण को मंजूरी दी।  

author-image
YBN News
HighwayProject

HighwayProject Photograph: (ians)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

नई दिल्ली, आईएएनएस। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) ने शुक्रवार को बिहार में पटना से शुरू होकर सासाराम तक जाने वाले 120 किलोमीटर तक के 4-लेन प्रवेश-नियंत्रित ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड पटना-आरा-सासाराम कॉरिडोर के निर्माण को मंजूरी दी।  

Advertisment

सीसीईए ने बैठक के बाद जारी किए बयान में कहा कि प्रोजेक्ट हाइब्रिड एनुटी मोड (एचएएम) में डेवलप किया जाएगा। इसकी लागत 3,712.40 करोड़ रुपये होगी।

यह भी पढ़ें:  Billionaires In India: भारत में अरबपतियों की संख्या बढ़कर 284, कुल संपत्ति 98 लाख करोड़ रुपये : हुरुन लिस्ट

(पीपीपी) मॉडल

Advertisment

एचएएम एक पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल है जिसे सड़क इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में निजी क्षेत्र की भागीदारी को पुनर्जीवित करने के लिए डिजाइन किया गया है। सरकार प्रोजेक्ट के निर्माण के दौरान निजी डेवलपर को वार्षिक भुगतान के रूप में लागत का 40 प्रतिशत प्रदान करती है। निजी डेवलपर प्रोजेक्ट लागत का शेष 60 प्रतिशत लोन या इक्विटी के माध्यम से जुटाता है।

यह भी पढ़ें: फूड प्रोसेसिंग PLI योजना परवान पर, 171 कंपनियों को मंजूरी, लाखों को मिला रोजगार!

घनी आबादी वाले क्षेत्रों की होगी जरूरतें पूरी 

Advertisment

सरकार द्वारा जारी बयान में कहा गया कि वर्तमान में, सासाराम, आरा और पटना के बीच संपर्क मौजूदा स्टेट हाईवे (एसएच-2, एसएच-12, एसएच-81 और एसएच-102) पर निर्भर करता है, जिसमें आरा शहर सहित भारी यातायात के कारण 3 से 4 घंटे लगते हैं। मौजूदा ब्राउनफील्ड हाईवे के 10.6 किमी के अपडेट के साथ एक ग्रीनफील्ड कॉरिडोर विकसित किया जाएगा, जिससे बढ़ती भीड़ को कम किया जा सके, जिससे आरा, गड़हनी, पीरो, बिक्रमगंज, मोकर और सासाराम जैसे स्थानों में घनी आबादी वाले क्षेत्रों की जरूरतें पूरी हो सकेंगी।

यह प्रोजेक्ट एनएच-19, एनएच-319, एनएच-922, एनएच-131जी और एनएच-120 सहित प्रमुख परिवहन गलियारों को एकीकृत करता है, जिससे औरंगाबाद, कैमूर और पटना को निर्बाध संपर्क प्रदान होता है।

यह भी पढ़ें: earthquake in myanmar: बड़ी तबाही, 1000 से अधिक के मरने की आशंका, भारत ने भेजी राहत सामग्री

Advertisment

आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका

इसके अतिरिक्त, यह प्रोजेक्ट 02 हवाई अड्डों (पटना में जय प्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा और आगामी बिहटा हवाई अड्डा), 04 प्रमुख रेलवे स्टेशनों (सासाराम, आरा, दानापुर, पटना) और 01 अंतर्देशीय जल टर्मिनल (पटना) को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा और पटना रिंग रोड तक सीधी पहुंच बढ़ाएगी, जिससे माल और यात्री आवागमन में तेजी आएगी। पूरा हो जाने पर, पटना-आरा-सासाराम कॉरिडोर क्षेत्रीय आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और इससे लखनऊ, पटना, रांची और वाराणसी के बीच संपर्क में भी सुधार होगा।

यह प्रोजेक्ट सरकार के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है, इससे रोजगार सृजन होगा, इन्फ्रास्ट्रक्चर में वृद्धि होगी और बिहार में सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

इस प्रोजेक्ट से 48 लाख मानव दिवस रोजगार सृजित होंगे तथा पटना और आसपास के विकासशील क्षेत्रों में विकास, प्रगति और समृद्धि के नए रास्ते खुलेंगे।

यह भी पढ़ें: Khadi Village Industry: बदलते दौर में खत्म हो रहा गोपालगंज का खादी ग्रामोद्योग, कारीगर पलायन को मजबूर

Advertisment
Advertisment