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सात करोड़ी रिश्वत ने मचाया ऐसा कोहराम कि हिल गया P&H हाईकोर्ट

मामला एक स्पेशल जज पर दर्ज FIR से जुड़ा है। स्पेशल जज पर 5 से 7 करोड़ की रिश्वत लेने का आरोप है। फिलहाल वो सस्पेंड है। अब इस केस के लपेटे में हाईकोर्ट के जस्टिस भी आते दिख रहे हैं।

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Shailendra Gautam
PUNJAB AND HARYANA HIGH COURT

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कः पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में एक ऐसे केस ने कोहराम मचा रखा है जो ट्रायल कोर्ट के एक स्पेशल जज पर दर्ज FIR से जुड़ा है। स्पेशल जज पर 5 से 7 करोड़ की रिश्वत लेने का आरोप है। फिलहाल वो सस्पेंड है। अब इस केस के लपेटे में हाईकोर्ट के जस्टिस भी आते दिख रहे हैं। बीते दिनों हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू ने हैरत में डालने वाला कदम उठाकर केस की सुनवाई खुद करने का फैसला किया तो एक के बाद एक करके परतें खुलने लग पड़ीं। मामला कितना पेंचीदा हो चुका है कि जब चीफ जस्टिस के इस फैसले का विरोध हुआ तो उनको कहना पड़ा कि वो हाईकोर्ट और इसके एक जस्टिस को शर्मिंदगी से बचाना चाहते हैं। 

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रिश्वत खोरी की FIR हाईकोर्ट से  कराना चाहते हैं खारिज

विवाद की शुरुआत 2023 में एसीबी की FIR से हुई, जिसमें स्पेशल जज सुधीर परमार पर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एम3एम और आईआरईओ ग्रुप के मालिकों को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया गया था। परमार को निलंबित कर दिया गया था। मामले में  ईडी की एंट्री हुई जिसने बताया कि परमार ने आईआरईओ ग्रुप और एम3एम ग्रुप के मालिकों से 5 से 7 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी। रूप बंसल ने FIR को रद्द कराने के लिए अक्टूबर 2023 में हाईकोर्ट का रुख किया, लेकिन जनवरी 2025 में याचिका वापस ले ली। उन्होंने एक नई याचिका दायर की, जिस पर पहली बार सुनवाई की गई।  न्यायपालिका भारत | Judiciary | Indian Judiciary 

2 साल में 5 अलग-अलग जस्टिसेज कर चुके हैं सुनवाई

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निचली अदालत के स्पेशल जज से जुड़े रिश्वतखोरी के मामले को खारिज करने के लिए हाईकोर्ट में दायर याचिका पर 2023 से 5 अलग-अलग जस्टिसेज सुनवाई कर चुके हैं। बेंचों में चार बदलाव इसी साल जनवरी से हुए हैं। मामला किस कदर उलझा है कि चीफ जस्टिस शील नागू ने एम3एम समूह के निदेशक रूप बंसल की रिट पर खुद सुनवाई करने का फैसला किया। ये केस जस्टिस महावीर सिंह सिंधु की कोर्ट में था। कहते हैं कि चीफ जस्टिस को उनके खिलाफ कुछ गंभीर शिकायतें मिली थीं। जस्टिस नागू ने इस मामले में बेंच हंटिंग का संकेत भी दिया जब उन्होंने कहा कि एक वकील को केवल एक जस्टिस से मामले को हटाने के लिए फाइलिंग वकील के रूप में हायर किया गया था। साल 2023 से इस मामले में कई वरिष्ठ वकील पेश हुए हैं।
पहले दौर में मामला अक्टूबर 2023 और सितंबर 2024 के बीच जस्टिस अनूप चितकारा के समक्ष लिस्ट हुआ था। सितंबर 2024 में अचानक रोस्टर परिवर्तन के कारण मामला जस्टिस एनएस शेखावत के पास चला गया। उनके समक्ष ये मामला तीन बार लिस्ट हुआ। उन्होंने तीसरी तारीख (14 जनवरी, 2025) को खुद को सुनवाई से अलग कर लिया। फिर केस जस्टिस मंजरी नेहरू कौल के पास चला गया। 22 जनवरी को बंसल के वकील ने स्थगन की मांग की। फिर 13 फरवरी को उन्होंने याचिका वापस लेने की मांग की, जिसे स्वीकार कर लिया गया। दिलचस्प बात यह है कि इससे पहले जस्टिस चितकारा के समक्ष कई सुनवाई के बाद 2023 की याचिका वापस ली गई थी। 

अपने ही जज के खिलाफ मिली चीफ जस्टिस को शिकायतें

बंसल ने दूसरी याचिका पिछले महीने दायर की  थी। इसके बाद मामला जस्टिस सिंधु के पास गया। उन्होंने मामले को गंभीरता से लेकर 24 अप्रैल से 2 मई के बीच इसकी सुनवाई की। उन्होंने सुनवाई की पहली तारीख को नोटिस जारी किया और मामले के मूल रिकॉर्ड भी मंगवाए। 2 मई को ईडी को मामले में औपचारिक पक्ष बनाया गया। सरकार के जवाब को रिकॉर्ड पर लिए जाने के दिन ही फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। हालांकि, इसके तुरंत बाद ही चीफ जस्टिस नागू को कुछ शिकायतें मिलीं और उन्होंने मामले को जस्टिस सिंधु से हटाने का फैसला किया। 12 मई को चीफ जस्टिस ने अकेले बैठकर याचिका पर सुनवाई की। 

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रोहतगी करते रहे विरोध पर नहीं माने चीफ जस्टिस

दिग्गज एडवोकेट मुकुल रोहतगी आरोपियों की पैरवी कर रहे हैं। उन्होंने चीफ जस्टिस नागू के फैसले पर आपत्ति जताई। लेकिन पिछले सप्ताह दिए गए एक विस्तृत आदेश में चीफ जस्टिस ने आपत्ति को खारिज कर दिया और मामले को 26 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। 26 मई को बंसल की ओर से पेश हुए एक वकील ने स्थगन की मांग की। इस अनुरोध का ईडी के वकील जोहेब हुसैन ने विरोध किया। बंसल के  वकील का कहना था कि उनकी तरफ से जिस एडवोकेट को जिरह करनी थी वो फिलहाल उपलब्ध नहीं हैं। लिहाजा तारीख दी जाए। चीफ जस्टिस ने आदेश दिया कि इस मामले को कल यानि 27 मई की सुबह के लिए मुल्तवी किया जा रहा है। 9.30 बजे किसी भी वकील को बहस के लिए पावर ऑफ अटॉर्नी के साथ पेश किया जाए। 

Punjab & Haryana HC, Five judge changes, judge bribery case, Chief Justice Sheel Nagu, M3M Group, Director Roop Bansal

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