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जज कैश कांड : सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने आंतरिक समिति की रिपोर्ट के लिए आरटीआई खारिज की

जस्टिस यशवंत वर्मा के नई दिल्‍ली स्थित आवास में जली हुई नकदी मीडिया में सुर्खियां रही थी। जिस समय आग लगी उस समय जस्टिस वर्मा आवास से बाहर थे। पुलिस और अग्निशमन के भी विरोधाभासी बयान आए थे।

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Narendra Aniket
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नई दिल्‍ली, वाईबीएन । सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने जज कैश कांड में इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ जांच समिति की रिपोर्ट सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत मांगने वाली याचिका खारिज कर दी है। शीर्ष अदालत ने मामले की जांच के लिए समिति नियुक्‍त की थी। 

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सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने संचार गोपनीयता का हवाला दिया

आरटीआई आवेदन में तत्कालीन मुख्‍य न्‍यायाधीश संजीव खन्ना द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र की भी जानकारी मांगी गई थी। सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने स्पष्ट रूप से संचार गोपनीयता का हवाला दिया और आरटीआई आवेदन को इस आधार पर खारिज कर दिया कि इससे संसदीय विशेषाधिकार का भी उल्लंघन हो सकता है। 

तत्‍कालीन मुख्‍य न्‍यायाधीश ने राष्‍ट्रपति, प्रधानमंत्री को लिखा था पत्र

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इस महीने के शुरू में तत्कालीन मुख्‍य न्यायाधीश खन्ना ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर समिति की रिपोर्ट और जस्टिस वर्मा से प्राप्‍त जवाब साझा किया था। आंतरिक प्रक्रिया के अनुसार, न्यायाधीश को इस्तीफा देने की सलाह का पालन न किए जाने पर मुख्‍य न्यायाधीश, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को महाभियोग के लिए पत्र लिखते हैं।

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