/young-bharat-news/media/media_files/2025/07/25/drone-system-2025-07-25-14-31-56.jpg)
वाईबीएन डेस्क, नई दिल्ली। भारत रक्षा क्षेद्ध में लगातार आत्मनिर्भर बन रहा है। देश में आए दिन एयर डिफेंस सिस्टम, मिसाइल और विमान आदि का निर्माण किया जा रहा है। इस मिशन का नेतृत्व रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) कर रहा है। अब DRDO ने एक और कामयाबी पा ली है। संस्थान ने ड्रोन से दागी जाने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण कर लिया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ द्वारा किए गए इस सफल परीक्षण के बारे में जानकारी दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा-भारत की रक्षा क्षमताओं को एक बड़ी मजबूती, डीआरडीओ ने आंध्र प्रदेश के कुरनूल में स्थित नेशनल ओपन एरिया रेंज (NOAR) में ड्रोन से दागे जाने वाली सटीक मारक क्षमता वाली प्रिसिजन गाइडेड मिसाइल (ULPGM)-वी3 का सफल परीक्षण कर लिया है।
भारत अब डिफेंस टेक्नोलॉजी विकसित करने के लिए तैयार: राजनाथ
रक्षा मंत्री ने लिखा-ULPGM-V3 सिस्टम के विकास और सफल परीक्षणों के लिए डीआरडीओ और उद्योग भागीदारों, रक्षा उत्पादन कंपनियों, एमएसएमई और स्टार्ट-अप को बधाई। यह सफलता बताती है कि भारतीय उद्योग अब महत्वपूर्ण डिफेंस टेक्नोलॉजी को अपनाने और विकसित करने के लिए तैयार है।
इस दौर में ड्रोन महत्वपूर्ण हथियार
पहलगाम में आतंकी हमले के बाद छिड़ी जंग में पाकिस्तान ने काफी संख्या में भारत पर ड्रोन से हमले किए थे। इन्हें हवा में भी भारतीय डिफेंस सिस्टम ने गिरा दिया था। इस दौर में जंग में ड्रोन काफी महत्वपूर्ण हथियार बन गया है। ईरान और इजराइल हमले में भी यह देखने को मिला। रूस और यूक्रेन में साढ़े तीन साल से जारी जंग में दोनों देशों द्वारा हजारों की संख्या में ड्रोन के इस्तेमाल किए गए हैं।
भारत ने 1995 में पहली बार बनाया था ड्रोन निशांत
भारत ने स्वदेशी डिजाइन और तकनीक वाला पहला ड्रोन निशांत 30 साल पहले बनाया था। सेना की रिमोटली पायलेटेड व्हीकल की जरूरत को पूरा करने के लिए इसे विकसित किया गया था। कारगिल युद्ध में इस ड्रोन का इस्तेमाल हुआ था। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार निशांत ड्रोन हमले के साथ-साथ दुश्मन देश के जानकारी हासिल करने में भी माहिर है।
rajnath singh | Drone Attack