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Anand Mahindra ने Chenab Bridge बनाने वाली डॉ. जी. माधवी लता को बताया 'मंडे मोटिवेशन'

चिनाब ब्रिज, दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज, 6 जून 2025 को उद्घाटित हुआ। इसके निर्माण में डॉ. जी माधवी लता ने 17 साल तक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने उन्हें अपनी #MondayMotivation बताते हुए सोशल मीडिया पर सराहा।

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Suraj Kumar
Anand mahindra on chenab bridge
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नई दिल्‍ली, वाईबीएन डेस्‍क। दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज चिनाब ब्रिज (Chenab Bridge) आखिरकार बनकर तैयार हो गया है। जम्मू-कश्मीर में बने इस ब्रिज की ऊंचाई करीब 1178 फीट है। 6 जून 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका उद्घाटन किया। इसके बाद इस मेगा प्रोजेक्ट में अहम भूमिका निभाने वाले इंजीनियरों और विशेषज्ञों के नाम सामने आने लगे हैं। इन्हीं में से एक नाम है प्रोफेसर डॉ. जी माधवी लता का, जिन्होंने इस पुल के निर्माण में 17 साल तक योगदान दिया।

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इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु में प्रोफेसर हैं लता 

डॉ. माधवी लता इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc), बेंगलुरु में प्रोफेसर और जियो-टेक्निकल इंजीनियर हैं। उन्होंने हिमालयी भूगोल, भूकंपीय खतरों और मौसम की विकट परिस्थितियों में इस ब्रिज के निर्माण में तकनीकी सलाह दी। उनकी मेहनत और समर्पण ने इस ब्रिज को दुनिया के सामने भारत की इंजीनियरिंग क्षमता का प्रतीक बना दिया।

आनंद महिंद्रा ने बताया प्रेरणा स्रोत

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उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (ट्विटर) पर डॉ. माधवी की एक तस्वीर साझा करते हुए उन्हें अपनी #MondayMotivation बताया। उन्होंने लिखा, "एक निपुण जियो-टेक्निकल इंजीनियर और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बेंगलुरु में प्रोफेसर, जिन्होंने चिनाब ब्रिज के निर्माण में 17 वर्षों तक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉ. जी माधवी लता गारू मेरी Monday Motivation हैं।"

आनंद महिंद्रा की पोस्‍ट वायरल 

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इस पोस्ट को अब तक 6 लाख से ज्यादा व्यूज और 31 हजार से ज्यादा लाइक्स मिल चुके हैं। लोग कमेंट कर डॉ. माधवी की सराहना कर रहे हैं। किसी ने उन्हें ‘नारी शक्ति’ बताया तो किसी ने ‘असल जिंदगी की रानी’। सोशल मीडिया पर लोग उन्हें भारत की असली प्रेरणा मान रहे हैं। डॉ. जी माधवी लता की कहानी भारत के इंजीनियरिंग छात्रों और युवाओं के लिए प्रेरणा है। उनका समर्पण, देश की तकनीकी शक्ति और महिला सशक्तिकरण का मजबूत उदाहरण बन गया है।

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