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Artificial Intelligence: क्‍या मशीनें भी हो सकता है डिमेंशिया ?

दिसंबर 2024 में BMJ जर्नल में छपी एक स्टडी में ऐसा ही चौंकाने वाला दावा किया गया है। रिसर्च के मुताबिक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भी समय के साथ कमजोर हो सकता है।

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Suraj Kumar
AI GETTING OLD DEMENTIA
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नई दिल्‍ली, वाईबीएन नेटवर्क।

अक्सर ये कहा जाता है कि मशीनों की क्षमता इंसानों से कहीं ज्‍यादा है। मशीनें कभी बूढी नहीं होती हैं। अगर आप से ये कहा जाए कि आने वाले समय में मशीनें बूढी हो जाएंगी, तो आप यकीन नहीं करेंगे, लेकिन ये सच है। दिसंबर 2024 में BMJ जर्नल में छपी एक स्टडी में ऐसा ही चौंकाने वाला दावा किया गया है। रिसर्च के मुताबिक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भी समय के साथ कमजोर हो सकता है, जैसे इंसानों का दिमाग उम्र के साथ धीमा होने लगता है।

मशीनों का टेस्‍ट , नतीजों  ने किया हैरान 

वैज्ञानिकों ने ChatGPT-4, ChatGPT-4o (OpenAI), Claude 3.5 (Anthropic) और Gemini 1.0 व 1.5 (Alphabet)जैसे एआई मॉडल का अध्‍ययन किया। इस अध्‍ययन में शोधकर्ताओं ने एआई की मानसिक क्षमता जानने की कोशिश की। इसके लिए उन्‍होंने Montreal Cognitive Assessment (MoCA) नाम का मशहूर टेस्ट किया। आमतौर पर ये टेस्‍ट इंसानों में उनकी मानसिक क्षमता और डिमेंशिया जैसे रोग को जानने के लिए किया जाता है।

परिणाम ने किया हैरान 

  • चैटजीपीटी- 40 ने इस टेस्‍ट में सबसे अच्‍छा प्रदर्शन किया और स्‍कोर 30 में से 26 था। 
  • चैटजीपीटी 4 और क्‍लाउड ने 25 अंको का स्‍कोर हासिल किया । 
  • गूगल जेमिनी 1.O ने सबसे खराब प्रदर्शन  किया, उसने 16 अंक हासिल किए। ये नम्‍बर सबसे कम था।  

Montreal Cognitive Assessment (MoCA) टेस्‍ट में एआई फेल 

एआई को कई पैमाने पर मापा गया। इसके जरिए उसकी क्षमता जानने की कोशिश की गई।  उनकी अटैंशन , रिएक्‍शन और फोकस जानना -  इंसानों में ये टेस्‍ट सुनने के माध्‍यम से किया जाता है जबकि एआई में इसको लिख‍ित रूप में दिया गया। 

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मेमोरी टेस्‍ट- इसमें किन्‍ही पांच शब्‍दों को याद रखना और उन्‍हें बाद में रिपीट करना होता है। जेमिनी इसमें पूरी तरह से फेल साबित हुआ।

घडी बनाना – एक घडी  की ड्राइंग बनाकर सही समय दिखाना, जो AI के लिए असंभव साबित हुआ।
संख्याएं जोडना – दी गई संख्या और अक्षरों को सही क्रम में जोडना, जो AI मॉडल्स के लिए सिरदर्द बन गया।

क्‍या मशीनों को भी हो सकती है बीमारी ?

अध्‍ययन से पता चला है कि एआई की ये बीमारियां posterior cortical atrophy’ नामक अल्जाइमर से मिलती -जुलती हैं। इसमें इंसान समय के साथ अपनी यादाश्‍त को खो देता है। इसी तरह से मॉडल भी समय के साथ - साथ अपनी कैपेसिटी खो सकते हैं। शोधकर्ताओं ने बताया कि मशीनों को कोई बीमारी तो नहीं हो सकती है, लेकिन  समय के साथ पुराने और कम भरोसेमंद हो सकते हैं। 

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