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ऑस्ट्रेलिया का ग्रेट बैरियर रीफ
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ऑस्ट्रेलिया का ग्रेट बैरियर रीफ
जलवायु में हो रहे परिवर्तन से दुनिया प्रभावित हो रही है। वातावरण का बढ़ता तापमान चिंता का विषय है। इसने इंसानों से लेकर पशु-पक्षिओं तक सभी पर असर डाला है। इसी गर्मी ने दुनिया के सबसे बडे कोरल रीफ ग्रेट बैरियर रीफ को खतरे में ढाल दिया है। हाल ही में वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध में यह दावा किया है।
ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों के अनुसार रीफ के दक्षिणी भाग में रखे 50 फीसदी मूंगे गर्मी के कारण नष्ट हो गए। साल 2024 को अब तक का सबसे गर्म साल कहा जा रहा है। बढ़ते समुद्री तापमान ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है। जब गर्म लहरें मूंगे यानि कोरल पर दवाब डालती है तो वे सफेद हो जाते हैं और टिस्यू से बाहर निकल आते हैं। जिसके कारण उनका रंग फीका पड जाता है। पिछले साल एल नीलो तूफान के कारण भी कोरल को काफी नुकसान हुआ था। इससे समुद्रों का तापमान बढ़ गया था।
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सिडनी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने बताया कि पिछले साल की फरवरी से गर्मी अपने चरम पर थी और इसने पांच महीने की अवधि में ही रीफ के वन ट्री द्वीप पर 462 कोरल कॉलोनियों को नष्ट कर दिया था लिम्नोलॉजी एंड ओशनोग्राफी लेटर्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट में बताया गया कि मई तक इसकी 370 कॉलोनी नष्ट हो गई थी। जुलाई तक इसमें 52 फीसदी कोरल मृत पाए गए थे। इनके मृत कंकाल चट्टान से अलग होकर मलबे में बदल गए। प्रमुख शोधकर्ता मारिया बर्न ने कहा कि यह बेहद ही चिंता जनक है, क्योंकि कोरल बायोडाइवसिर्टी के लिए बहुत ही जरूरी है। कोरल रीफ से महासागर के तटीय क्षेत्रों को काफी नुकसान पहुंचेगा।
ग्रेट बैरियर दुनिया की सबसे बडी कोरल रीफ है जो लगभग 345,000 वर्ग किलामीटर के क्षेत्र में फैली हुई है। इसमें 1500 से ज्यादा मछलियों की प्रजातियां और 411 से ज्यादा हार्ड कोरल प्रजातियां पाई जाती हैं। यह पर्यटन के लिहाज से बडी ही खूबसूरत जगह है जो ऑस्टेलिया की अर्थव्यवस्था में अरबों डॉलर का योगदान देता है।
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