नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
हाल ही में माइक्रोसोफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने एक इंटरव्यू में अपनी निजी जिन्दगी के बारे में कई बातें शेयर की। जिसमें उन्होंने बताया कि बचपन में उन्हें ADHD नाम की बीमारी थी। जिसके कारण उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पडा।
बिल गेट्स ने की अपनी बीमारी के बारे में बात
साक्षात्कार के दौरान, गेट्स ने बताया कि उनका बचपन ऊर्जा से भरा हुआ था और उनमें ध्यान केंद्रित करने की तीव्र क्षमता थी - हालाँकि केवल उन्हीं विषयों पर जो उन्हें आकर्षित करते थे। उन्होंने याद किया कि कैसे कुछ शिक्षकों ने उन्हें कक्षा से अलग करने का प्रयास किया, कुछ ने सुझाव दिया कि उन्हें एक कक्षा आगे छोड़ देनी चाहिए जबकि अन्य ने सोचा कि उन्हें पीछे रखा जाना चाहिए। इन चुनौतियों के बावजूद बिल गेट्स में एक बात बहुत स्पेशल थी कि वे गणित में बहुत अच्छे थे। उन्होंने आगे बताया कि एक बच्चे के रूप में मैने बचपन में बहुत संघर्ष किया। मेरे अंदर फोकस करने की अधिक क्षमता थी। मैं कुछ अन्य चीजों के बारे में भी सोचना चाहता था। उनको नई चीजों के बारे में जानना और सीखने की जिज्ञासा ने ही उन्हें कम्प्यूटर के प्रति आकर्षित किया। इसकी वजह से ही वे सोफ्टवेयर डेवलपमेंट जैसे फील्ड में कुछ कर पाए।
क्या है एडीएचडी
यह एक विकासत्मक विकार है। इस रोग से पीडि़त लोग कई तरह की परेशानियों का सामना करते हैं। जैसे-
- इससे इंसान सही से फोकस नहीं कर पाता है।
- लोगों में अधिक बैचेनी रहती है
- बेकार में इधर-उधर घूमना
- जरूरत से ज्यादा बातें करना
- किसी को बातचीत के दौरान बीच में ही टोक देना
- इंतजार करने में कठिनाई होना
आमतौर पर यह बचपन में ही ठीक हो जाता है, लेकिन कई बार इसके प्रभाव लंबे समय तक रहते हैं। एडीएचडी से लोगों में न्यूरोट्रांसमीटर इमबैलेंस हो जाते हैं। दिमाग में डोपामाइन एक प्रमुख न्यूरोट्रांसमीटर है। एडीएचडी डिप्रेशन जैसे मानसिक रोगों को भी जन्म दे सकता है। जीवन शैली में बदलाव और कुछ दवाइयों के प्रयोग से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है।
ऐसे बना माइक्रोसोफ्ट
गेट्स के द्वारा दिए गए बयानों से पता चलाता है कि उन्होंने माइक्रोसोफ्ट के बारे में हाईस्कूल से ही काम करना शुरु कर दिया था। उनके दोस्त पॉल एलन ने कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग के बारे में गहरी रिसर्च की थी। इसी की वजह से ट्रेफ ओ डेटा, अल्टेयर कंप्यूटर के लिए सॉफ़्टवेयर बन पाया। ट्रेफ ओ डेटा की वजह से ही माइक्रोसोफ्ट बन पाया। इसकी नींव 1975 में रखी गई थी।