मध्य प्रदेश, वाईबीएन नेटवर्क।
मध्य प्रदेश के अशोकनगर से एक ऐसी मार्मिक और अद्भुत घटना सामने आई है, जो ये साबित करती है कि इंसानियत सिर्फ इंसानों तक सीमित नहीं। यहां एक नर डॉग ने ब्लड डोनेट कर मादा डॉगी की जान बचा ली - और ये पूरी कहानी पशु प्रेम और वेटरनरी साइंस की दुनिया में मिसाल बन गई है।
जब डेज़ी की सांसें थमने लगीं…
अशोकनगर निवासी सोनू रघुवंशी की 2 साल की मादा लैब्राडोर डॉगी 'डेज़ी' गर्भवती थी और उसे 35 दिन हो चुके थे। लेकिन अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई और प्राइवेट पार्ट से लगातार ब्लीडिंग शुरू हो गई। सोनू और उनके परिवार ने बिना देर किए उसे सरकारी पशु चिकित्सालय में भर्ती कराया।
डॉक्टरों ने कहा- अब तुरंत चाहिए खून
जांच के बाद पता चला कि डेज़ी की हालत बेहद गंभीर है और उसकी जान बचाने के लिए तुरंत ब्लड ट्रांसफ्यूजन ज़रूरी है। लेकिन मुश्किल ये थी कि जानवरों में ब्लड डोनेशन आम नहीं होता और सिर्फ उसी प्रजाति का खून चढ़ाया जा सकता है।
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'गूगल' बना फरिश्ता
इस मुश्किल घड़ी में हीरेंद्र रघुवंशी नामक डॉग ट्रेनर सामने आए और अपने 4 साल के नर डॉग 'गूगल' को लेकर पहुंचे। बिना एक पल गंवाए, गूगल का ब्लड लिया गया और डेज़ी को चढ़ाया गया।
अब खतरे से बाहर है डेज़ी
ब्लड डोनेशन के कुछ ही घंटों में डेज़ी की तबीयत में सुधार आने लगा और अब वह सुरक्षित है। डॉगी के मालिक भावुक होकर कहते हैं कि यह अनुभव कभी नहीं भूल पाएंगे। डॉक्टरों की टीम और गूगल की मदद से आज उनकी प्यारी डेज़ी फिर से जीवंत है।
इस घटना ने न सिर्फ पशु चिकित्सा में एक सकारात्मक संदेश दिया है, बल्कि यह भी दिखाया कि जानवर भी एक-दूसरे के लिए जीवनदाता बन सकते हैं। गूगल और डेज़ी की ये कहानी इंटरनेट पर वायरल हो रही है और दिलों को छू रही है।