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दौड़िया गांव में एक अनोखी प्रेम कहानी ने सबका ध्यान आकर्षित किया है। दो सहेलियों ने समाज की बंदिशों को तोड़ते हुए आपस में शादी करने का फैसला लिया। यह विवाह न केवल उनके परिवारों ने स्वीकार किया, बल्कि धूमधाम से स्वागत भी किया गया। यह कहानी प्यार, साहस और समाज की परंपराओं से ऊपर उठकर जीने का उदाहरण प्रस्तुत करती है।
नौगांव के सोनम यादव और मणिपुर की मानसी की मुलाकात फेसबुक पर हुई थी। पहले एक-दूसरे से सामान्य बातचीत होती रही, लेकिन बाद में यह दोस्ती प्यार में बदल गई। दोनों ने एक-दूसरे के साथ जीवन बिताने का फैसला किया और यह तय किया कि वे किसी भी सामाजिक बंधन से परे, अपनी प्रेम कहानी को एक नई दिशा देंगे।
सोनम और मानसी ने समाज की राय को नजरअंदाज करते हुए कोर्ट मैरिज की। दोनों ने पारंपरिक दूल्हा-दुल्हन के रूप में मंदिर में शादी की और फिर साथ रहने का संकल्प लिया। उनके इस साहसिक कदम ने यह साबित कर दिया कि प्यार की कोई सीमाएं नहीं होतीं, चाहे वह किसी भी रूप में हो।
कुछ दिन पहले, नौगांव थाने में एक गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने मामले की जांच की, लेकिन जब दोनों युवतियों ने कोर्ट मैरिज के दस्तावेज दिखाए, तो पुलिस ने उनका बयान लिया और उन्हें छोड़ दिया। इस प्रक्रिया से यह साफ हो गया कि दोनों की शादी कानूनी रूप से मान्य थी।
इस विवाह के बाद, दोनों ने घर लौटते हुए परिवार ने धूमधाम से स्वागत किया। सोनम, जो हमेशा से लड़कों की तरह रहना पसंद करती थी, अब मानसी के साथ अपना नया जीवन शुरू करने को तैयार थी। शादी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं और यह चर्चा का विषय बन गया।
इस विवाह ने समाज के सामने एक नई सोच प्रस्तुत की है। हालांकि कई जगहों पर समलैंगिक विवाह को लेकर विरोध है, लेकिन सोनम और मानसी ने अपने रिश्ते को खुलकर स्वीकार किया और इसके लिए कदम उठाया। इस प्रकार की विवाहें अब धीरे-धीरे समाज में स्वीकृति पा रही हैं।