हिमाचल प्रदेश, वाईबीएन नेटवर्क।
देशभर में स्कूलों में छात्रों के लिए यूनिफॉर्म अनिवार्य होती है, लेकिन अब एक राज्य ने टीचर्स के लिए भी ड्रेस कोड लागू करने का बड़ा फैसला लिया है। सरकार का मानना है कि इससे स्कूलों में अनुशासन बढ़ेगा और शिक्षकों की गरिमा को और मजबूती मिलेगी। हालांकि, यह नियम पूरी सख्ती से लागू नहीं किया गया है, लेकिन इसे लेकर राज्यभर में चर्चा जोरों पर है।
किस राज्य में लागू हुआ नया नियम
इस नई नीति को हिमाचल प्रदेश सरकार ने लागू किया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड लागू करने की घोषणा की है। इस फैसले का स्वागत शिक्षकों के संघ ने भी किया है, क्योंकि उनका मानना है कि इससे टीचर्स की एक विशिष्ट पहचान बनेगी और अनुशासन को बढ़ावा मिलेगा।
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क्या कहते हैं शिक्षा मंत्री
राज्य के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने इस फैसले की पुष्टि करते हुए कहा कि, "स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को गरिमापूर्ण और सभ्य कपड़ों में आना चाहिए। शिक्षकों की पोशाक का छात्रों पर गहरा प्रभाव पड़ता है, इसलिए ड्रेस कोड अपनाने से पढ़ाई का माहौल और अधिक अनुशासित होगा।" हालांकि, मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि इस नियम को पूरे प्रदेश में सख्ती से लागू नहीं किया गया है, बल्कि यह स्कूलों की स्वतंत्रता पर निर्भर करेगा कि वे इसे अपनाना चाहते हैं या नहीं।
ये होगा शिक्षकों का ड्रेस कोड
इस ड्रेस कोड में पुरुष शिक्षकों को फॉर्मल शर्ट-पैंट पहनना होगा, जबकि महिला शिक्षकों को सलवार-सूट या साड़ी पहनने की सलाह दी गई है। इससे शिक्षकों की एकरूपता बनी रहेगी और उनकी पेशेवर छवि और मजबूत होगी।
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शिक्षक संघ ने किया समर्थन
इस फैसले पर शिक्षकों की भी सकारात्मक प्रतिक्रिया आई है। मंडी जिले के शिक्षक संघ ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि, "इससे शिक्षकों की पहचान और अनुशासन को मजबूती मिलेगी। यूनिफॉर्म केवल छात्रों के लिए ही नहीं, बल्कि टीचर्स के लिए भी होनी चाहिए, ताकि वे एक उदाहरण पेश कर सकें।"
पहले भी हो चुकी है इस पर चर्चा
गौरतलब है कि शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड लागू करने को लेकर कई राज्यों में पहले भी चर्चा हो चुकी है, लेकिन अब हिमाचल प्रदेश ने इसे लागू कर एक नई पहल की है।