नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
हम अक्सर ये जानने की कोशिश करते हैं कि पश--पक्षी, जीव-जन्तु क्या सोचते हैं। लेकिन लगता है कि हमारी सोच से कहीं आगे निकल चुके हैं। हाल ही में समुद्री कछुओं को लेकर एक अध्ययन किया गया है। इसमें कई चौकाने वाली जानकारी सामने आई हैं।
कछुए भी करते हैं मैग्नेटिक फील्ड का इस्तेमाल
शोधकर्ताओं ने अध्ययन में दावा किया है कि कछुए धरती के मैग्नेटिक फील्ड का इस्तेमाल करते हैं। इसके माध्यम से वे अपने लिए एक मैप को बनाते हैं। जिससे उनको अपने पते पर जाने में आसानी होती है। कुछ जानवर जो विश्व भर में प्रवास करते हैं - जैसे पक्षी, सैल्मन, झींगे और समुद्री कछुए - ये उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव तक फैली मैग्नेटिक फील्ड का उपयोग करके अपना मार्ग निर्धारित करते हैं।
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वैज्ञानिकों का मानना है कि कछुए इस मैग्नेटिक इनफॅार्मेशन का इस्तेमाल कम्पास के रूप में करते हैं कि वे कहाँ हैं। अब शोधकर्ताओं को पूरा यकीन हो गया है कि कछुए घोंसले या भोजन का पता लगाने के लिए मैग्नेटिक फील्ड मैप का उपयोग करते हैं।
लॉगरहेड नामक कछुए पर किया शोध
शोधकर्ताओं ने लॉगरहेड नामक कछुए को मैग्नेटिक कॉइल से घिरे एक वर्तन में रखा। इस कॉइल को अटलांटिक महासागर के चुंबकीय क्षेत्र की तरह ही डिजाइन किया गया। चार महीने तक चले परीक्षण से पता चला कि उन्हें इस मैग्नेटिक फील्ड की जानकारी हो गई है। जब भी कछुओं को भूख लगती है तो वे नाचने लगते हैं। वैज्ञानिकों ने इस घटना को turtle dance नाम दिया। उनका कहना है कि उन्हें पूरा यकीन है कि कछुए मैग्नेटिक फील्ड का पता लगा सकते हैं। उत्तरी कैरोलिना विश्वविद्यालय की कायला गोफोर्थ के नेतृत्व में नेचर पत्रिका में प्रकाशित रिपोर्ट में इस शोध को प्रकाशित किया गया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस घटना से अन्य जीव -जन्तुओं के बारे में जानने में मदद मिलेगी।