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कुंडलिनी शक्ति का जागरण करवा कर आत्मज्ञान प्राप्त करें.. जानिए कैसे

सिद्धयोग शक्ति दरबार ट्रस्ट के प्रांगण में कुंडलिनी जागरण ध्यान योग कार्यक्रम का आयोजन हुआ। आसपास के क्षेत्रों से आए साधकों ने भाग लिया।

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Sudhakar Shukla
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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बरेली। सिद्धयोग शक्ति दरबार ट्रस्ट के प्रांगण में कुंडलिनी जागरण ध्यान योग कार्यक्रम का आयोजन हुआ।  आसपास के क्षेत्रों से आए साधकों ने भाग लिया। गुरुदेव गोविन्द ने  शक्तिपात(शक्ति तरंगों को भेज कर) का प्रयोग करके उपस्थित साधकों को कुंडलिनी जागरण के अनुभव प्रदान किए।

कुंडलिनी जागरण: शारीरिक और मानसिक परिवर्तन के अद्भुत अनुभव

कुछ साधकों को गहरे ध्यान में जाना, विद्युत के समान झटके लगना, योग निद्रा का अनुभव होना, मुंह से तरह-तरह की आवाज स्वतः निकलना,ध्यान में विभिन्न रंगों के प्रकाश का दिखाई देना जैसी क्रियाएं हुई। कुछ साधकों को शारीरिक क्रियाए जैसे गर्दन का स्वतः घूमना,हाथों की डंबल के समान क्रियाएं होना , शरीर पर चींटियों के रेंगने का अनुभव हुआ। गुरुदेव गोविन्द ने बताया कि कुंडलिनी जागरण एक प्राचीन विद्या है। उसे ऋषि मुनि ही जानते थे। योग्य साधकों पर ही प्रयोग करते थे। परंतु वर्तमान मे सिद्धयोग शक्ति दरबार के माध्यम से इसी प्राचीन शक्तिपात विद्या के द्वारा कुंडलिनी जागरण का अनुभव अब गृहस्थ लोग भी प्राप्त कर रहे हैं। 

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शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति

अब इसके लिए न तो सन्यासी बनने की जरूरत है। न ही कठोर तप की आवश्यकता है। यहां सिद्धयोग शक्ति दरबार में  आने वाले लोगों को  कुंडलिनी जागरण का अनुभव सहज में ही प्राप्त हो जाता है। इसमे व्यक्ति को स्वयं कुछ नहीं करना होता है। केवल आंखें बंद करके शरीर को ढीला छोड़कर बैठना होता है। इसके बाद स्वतः ध्यान होने लगता है। ध्यान में विभिन्न प्रकार के अनुभव प्राप्त होने लगते हैं। यहां से एक बार अनुभव मिलने के पश्चात घर पर ध्यान हेतु बैठने पर वैसे ही अनुभव प्राप्त होने लगते हैं। फलस्वरूप व्यक्ति स्वयं को  तरोताजा, चिंता रहित, आनंदित महसूस करता है। उसके सभी शारीरिक एवं मानसिक दुखों का नाश होता है।

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सिद्धयोग शक्ति दरबार की अनूठी सेवा

गुरुमां आस्था ने बताया कि  सिद्धयोग शक्ति दरबार में सन 1995 से गुरुदेव गोविन्द ध्यान करवा कर गृहस्थ लोगों को वही आत्मज्ञान के अनुभव प्रदान कर रहे हैं, जो प्राचीन समय में केवल ऋषि मुनियों को कठोर तपस्या के बाद प्राप्त होते थे। यह कार्यक्रम  केवल प्रत्येक रविवार को दोपहर 12:00 से 3:00 तक होता है। समाज का कोई भी व्यक्ति इस ध्यान योग कार्यक्रम में निःशुल्क भाग ले सकता है। उन्होंने आगे बताया कि साधकों को उच्च अवस्था प्रदान करने के लिए गुरुदेव द्वारा विभिन्न अवसरों पर मंत्रजाप एवं हवन का भी आयोजन करते हैं। जिससे साधकों को शक्ति प्राप्त होती है।होली पर्व  के अवसर पर 13 मार्च को कालरात्रि पर हवन का आयोजन किया जाएगा।
कार्यक्रम के अंत में दरबार प्रांगण में इष्टदेव बाबा बटुकनाथ एवं मां संतोषी की प्रार्थना एवं आरती हुई। उसके बाद भक्तों ने प्रसादी भोग लगाया और प्रसाद वितरण किया ।

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ट्रस्ट सचिव ने दी कार्यक्रम की जानकारी

कार्यक्रम में उत्कर्ष अग्रवाल,स्वाति अग्रवाल,रिचा मेहरोत्रा,शशि मिश्रा मधुरलता वर्मा, पूनम अग्रवाल,कंचन अग्रवाल, राजीव शर्मा, विमल मेहरोत्रा, मुनीश राजपूत, मनोज सक्सेना हर्षित अग्रवाल , अमर सिंह,अवनीश मिश्रा, पुष्पी शर्मा,नेहा मिश्रा, सुमिधा मेहरोत्रा,धर्मेंद्र सिन्हा,देवेश मिश्रा,सुकेश सक्सेना पीयूष मिश्रा, विपिन शंखधर सहित अनेक साधक उपस्थित थे। यह जानकारी ट्रस्ट के सचिव डॉ कमल किशोर मेहरोत्रा ने दी।

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