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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
फरीदपुर (बरेली)। एक बेटी पैदा होने के बाद अक्सर पिता ईश्वर से प्रार्थना करता है कि उसकी अगली संतान बेटा हो जाए। और अगर अगली संतान भी बेटी हो जाती है तो अक्सर पिता मायूस हो जाते हैं कि उनका बेटा नहीं हुआ। फरीदपुर में एक कारीगर की पहली संतान बेटी हुई। फिर अगली बार ईश्वर ने उन्हें दो जुड़वा बेटियां और दे दी। घर में दो जुड़वा बेटियां लक्ष्मी के रूप में पानी के बाद कारीगर इतना खुश हुआ कि उसने अखंड रामायण का पाठ कराया। उसके बाद भंडारे में आसपास के लोगों को बुलाकर महिला सशक्तिकरण का संदेश दिया। कारीगर के इस कदम की आसपास के इलाके में भूरी भूरी प्रशंसा हो रही है।
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फरीदपुर कस्बा के बुखारा रोड निवासी कारीगर राजेंद्र राठौर एवं शारदा राठौर की पहली बेटी माही आपरेशन से हूई। उनकी इच्छा भी बेटा पाने की थी। लेकिन ईश्वर ने उनके घर फिर लक्ष्मी स्वरूप दो जुड़वां बेटियां भेज दी। अब उनको 17 नवंबर 2024 को प्राइवेट अस्पताल में जुड़वा बेटियां मुस्कान और काजल हूई। इसमें एक पुत्री मात्र डेढ़ किलो और दूसरी एक किलो आठ सौ ग्राम की थी। परिजनों ने बहुत सेवा करते हुए उसकी जीवन रक्षा की। आज दोनों जुड़वा बेटियां मुस्करा रही हैं।
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बेटियों की दादी सुशीला देवी, ताऊ ताई रामपाल राठौर पम्मी राठौर, विनोद राठौर सन्नो राठौर, सर्वेश राठौर शीतल राठौर, सहित ननिहाल से आए मामा मामी, दर्जनों परिजनों, मित्रों, मोहल्ला के लोगों के साथ खुशी मनाते हुए रामायण पाठ कर भंडारा का आयोजन कर महिला सशक्तिकरण का संदेश दिया। नगर के गणमान्य लोगों ने उनको इस बात के लिए बधाई दी। वरिष्ठ समाजसेवी अमित तोमर एडवोकेट, राज गुप्ता, संजीव गुप्ता, रंजीत चौहान, अमित चौहान एडवोकेट, श्याम जायसवाल, विमल जायसवाल, अरुण तोमर एडवोकेट सहित सैकड़ों गणमान्य नागरिकों ने बधाई दी।