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बरेली,वाईबीएनसंवाददाता
बरेली। शबे बारात 13 फरवरी को देश भर में मनाई जाएगी। शबे बारात की रात में मुसलमान रात भर जागकर अल्लाह की इबादत करते है। अल्लाह के वलियों के मज़ार पर हाज़िरी देने के साथ कब्रिस्तान में जाकर, घर-खानदान से जो लोग इस दुनिया से रुखसत हो गए हैं , उनके लिए इसाले सवाब करते है। ये सिलसिला रात भर चलता है।
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अल्लाह की खास रहमत उतरती है शबे बारात में
आला हजरत दरगाह से जुड़े नासिर कुरैशी ने बताया कि दरगाह आला हज़रत के सज्जादानशीन मुफ़्ती अहसन रज़ा क़ादरी (अहसन मियां) ने शबे बारात की फज़ीलत बयान करते हुए कहा कि अल्लाह के रसूल ने इरशाद फरमाया कि "जब शाबान की 15वी रात आये तो कयाम(इबादत)करो। इसके दिन का रोज़ा रखों।" यह रात बड़ी रहमत और बरकत वाली है। इस दिन मुसलमान अल्लाह का ज़िक्र कसरत से करें।
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आसमाने दुनिया पर तजल्ली फरमाता है
ज़िंदगी में जो नमाज़ कज़ा हो गई उसको अदा करे। इसके अलावा नफल नमाज़,रोज़ा,तस्बीह, अस्तगफार व कुरान की तिलावत करे। बेशक़ इस रात में हमारा रब आसमाने दुनिया पर तजल्ली फरमाता है और ऐलान करता है कि है कि कोई मग़फ़िरत का तलबगार कि मैं उसे बख्श दूँ। है कोई रोज़ी मांगने वाला कि मैं उसे रोज़ी दूँ।
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ये रात गुनाहों से छुटकारे की रात है।
इसलिए मुसलमान अपने रब को राज़ी करने के लिये ज़्यादा से ज़्यादा इबादत करे। अपने गुनाहों से तौबा करें और अपने मरहुमीन को खूब इसाले सवाब करें। गरीबों मिस्कीनो को खाना खिलाएं।इस रात बाइकों से स्टंट व हुड़दंग हरगिज़ न करें।