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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
बरेली।ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही में समाजवादी पार्टी के नेता माता प्रसाद के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि किसी भी भाषा का ज्ञान होना महत्वपूर्ण है और भाषा से विरोध करना उचित नहीं।
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सपा नेता के बयान से गरमाई सियासत, अंग्रेजी को लेकर उठे सवाल
मौलाना रजवी ने माता प्रसाद के अंग्रेजी भाषा के विरोध पर सवाल उठाते हुए कहा कि वे अंग्रेजी का विरोध क्यों कर रहे हैं? क्या वे चाहते हैं कि उनके बच्चे अंग्रेजी सीखें, लेकिन अन्य लोगों के बच्चे इससे वंचित रहें? उन्होंने कहा कि अब ऐसी राजनीति नहीं चलेगी, जो लोगों को शिक्षा के अधिकार से वंचित करे। मौलाना ने उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की कि न केवल विधानसभा में, बल्कि स्कूलों और कॉलेजों में भी अंग्रेजी, हिंदी और अवधी के साथ-साथ उर्दू को भी अनिवार्य किया जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि उर्दू भारतीय संस्कृति और विरासत का अभिन्न हिस्सा है और इसे शिक्षा प्रणाली में उचित स्थान मिलना चाहिए, ताकि सभी भाषाओं का समान विकास हो सके।
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डिजिटल युग में अंतरराष्ट्रीय भाषाओं का बढ़ता प्रभाव
मौलाना ने कहा कि वर्तमान समय में अंग्रेजी और अरबी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय भाषाएं हैं, जिनका दुनियाभर में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि बच्चों की समग्र प्रगति और वैश्विक अवसरों तक उनकी पहुंच सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न भाषाओं का ज्ञान अत्यंत आवश्यक है। मौलाना रजवी ने इस मुद्दे पर राजनीति करने को अनुचित ठहराते हुए स्पष्ट किया कि भाषा किसी जाति, धर्म या क्षेत्र विशेष तक सीमित नहीं होनी चाहिए। उन्होंने मांग की कि सभी बच्चों को समान अवसर दिए जाएं, जिससे वे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सफल हो सकें और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकें।