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बरेली,वाईबीएनसंवाददाता
बरेली। श्री बांके बिहारी मंदिर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन महाराजा ध्रुव की कथा सुनकर श्रोता मंत्र मुक्त हो गए। वृंदावन से पधारे आचार्य श्याम बिहारी चतुर्वेदी ने सुनाया की महाराज ध्रुव ने जिस तरह से तपस्या करके ब्रह्मांड में अपना स्थान बनाया। वह हमेशा स्मरण योग्य है।
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ध्रुव जी की कथा: तपस्या से ईश्वर दर्शन तक का सफर
आचार्य श्याम बिहारी चतुर्वेदी ने तृतीय दिवस के कथा प्रसंग में ध्रुव जी की कथा सुनाते हुए कहां की ध्रुव राजा उत्तानपाद के पुत्र थे। दूसरी मां के कहने पर यह भगवान की तपस्या करने के लिए वन में गए। वहां उनको नारद जी ने गुरु मंत्र दिया। मथुरा की मधुबन में उन्होंने 5 महीने तृण पत्र इत्यादि खाकर तप किया। छठवें महीने में इनको भगवान का दर्शन हुए ।भगवान का आशीष प्राप्त करके अपने राज्य को आए। इनकी दोनों माता ने इनका बहुत स्वागत किया,ध्रुव को राजा बनाया ध्रुव ने 36000 वर्ष तक राज्य किया और अपने पुत्र वत्सर को राज्य देने के बाद इनको ध्रुव लोक की प्राप्ति हुई।
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भजन गायक जगदीश भाटिया ने भजनों से बांधा समा
इस मौके पर भजन गायक जगदीश भाटिया एवं बड़े समुदाय के लोग पहुंचे दीपक भाटिया, विनोद खंडेलवाल, डॉक्टर उत्कल गुप्ता,
राघवेंद्र सिंह, सीमा राठौर, रजत खंडेलवाल, सोनल खंडेलवाल, विवेक गुप्ता इत्यादि लोगों ने कथा श्रवण की। तमाम श्रोताओं ने भाव विभोर होकर कथा सुनी। कथा के बाद आरती और प्रसाद वितरण भी किया गया।