/young-bharat-news/media/media_files/2025/09/29/manali-2025-09-2025-09-29-15-29-40.png)
बरेली, वाईबीएन डेस्क : बरेली में 'आई लव मुहम्मद' अभियान के दौरान हुई हिंसा के मामले में प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है। बरेली नगर निगम ने सोमवार को मौलाना तौकीर रजा की संस्था इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) के दफ्तर को सील कर दिया है। यह दफ्तर एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के अंदर नाले पर अवैध रूप से बनाया गया था। जिसके चलते नगर निगम ने इस पर ताला लगा दिया है।
अवैध अतिक्रमण के तहत की गई कार्रवाई
नगर निगम का कहना है कि यह कार्रवाई अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया के तहत की गई है, क्योंकि शॉपिंग कॉम्प्लेक्स को नाले की जमीन पर अवैध रूप से बनाया गया था। हिंसा की घटना के बाद दर्ज एफआईआर में मौलाना तौकीर रजा को मुख्य आरोपी है। एफआईआर में आरोप है कि उन्होंने अपने समर्थकों से शहर का माहौल बिगाड़ने और हिंसा भड़काने के लिए उकसाया। रिपोर्ट के मुताबिक, तौकीर रजा ने कथित रूप से अपने समर्थकों से कहा कि आज शहर का माहौल बिगाड़ना है, चाहे पुलिस वालों की हत्या करनी पड़े, और मुसलमानों की ताकत दिखानी है।
हिंसा के पीछे 'आई लव मुहम्मद' कैंपेन?
'आई लव मुहम्मद' नाम का यह अभियान सोशल मीडिया और जमीनी स्तर पर मुस्लिम समुदाय के बीच चलाया जा रहा था, जिसका उद्देश्य पैगंबर मोहम्मद के प्रति प्रेम और समर्थन जताना बताया गया। लेकिन प्रशासन का कहना है कि इस कैंपेन की आड़ में कुछ कट्टरपंथी तत्वों ने भीड़ को उकसाकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। जुमे की नमाज के बाद शहर को माहौल बिगड़ गया। हिंसा की गंभीरता को देखते हुए बरेली प्रशासन और पुलिस महकमे ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। मौलाना तौकीर रजा के खिलाफ दर्ज मामलों की जांच शुरू हो गई है और उनके खिलाफ कठोर धाराओं के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है।
शहर में पुलिस और पीएससी की तैनात
इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के दफ्तर को सील करना इस पूरे मामले में पहला बड़ा प्रशासनिक कदम माना जा रहा है। माना जा रहा है कि इसके बाद अन्य संबंधित संस्थाओं और व्यक्तियों के खिलाफ भी कार्रवाई तेज हो सकती है। इस घटनाक्रम के बाद बरेली और आसपास के इलाकों में तनाव की स्थिति बनी हुई है। प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ा दी है और संवेदनशील इलाकों में पुलिस और पीएससी की तैनात कर दी गई है। वहीं इस मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाज़ी भी शुरू हो गई है। कुछ संगठनों ने कार्रवाई को पक्षपातपूर्ण बताया है, जबकि अन्य ने प्रशासन की तत्परता की सराहना की है।