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बरेली,वाईबीएनसंवाददाता
बरेली। मिनी बाईपास स्थित क्लब 7 में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर गायत्री परिवार के ललित और आशुतोष ने मानव सेवा संस्थान की अध्यक्ष बिंदु सक्सेना को सम्मानित किया। उन्हें गायत्री परिवार का पटका, शाल, स्मृति चिन्ह और धार्मिक पुस्तक भेंट की गई। वक्ताओं ने उनके समाज सेवा और महिला सशक्तिकरण में दिए गए योगदान की सराहना की।
1911 में पहली बार कई देशों में मनाया गया महिला दिवस
इस अवसर पर बिंदु सक्सेना ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की पहल 1910 में क्लारा जेटकिन द्वारा की गई थी। वर्ष 1911 में पहली बार कई देशों में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। 1917 में रूसी महिलाओं की हड़ताल के बाद इसे 8 मार्च को विश्वभर में महिलाओं के सम्मान, उपलब्धियों और संघर्षों को समर्पित दिवस के रूप में मनाने की परंपरा शुरू हुई। यह दिन महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक योगदान को सम्मानित करने और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने का संदेश देता है।
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माता सीता से प्रेरणा लें देश की नारियां: डॉ. संगीता सारस्वत
इस अवसर पर प्रेरक संगीत भी दिया गया कार्यक्रम में आओ गढ़े संस्कारवान पीढ़ी की उ०प्र० की समन्वयक डॉक्टर संगीता सारस्वत ने गर्भ में ही बच्चों में संस्कार को वैज्ञानिक तरीके से समझाया। उन्होंने कहा कि हमारे देश की नारियां सीता जी से प्रेरणा लें। उनके बच्चों को कहां संस्कार मिले कैसे बच्चे पल्वित हुए, कहां पले, श्रीमती सारस्वत नें बच्चों में अच्छे-अच्छे संस्कार डालने की बात कही।
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महिलाओं की शिक्षा, रोजगार और नेतृत्व में भागीदारी को मिलेगा बढ़ावा
उन्होंने यह भी कहा कि "2025 एक्सीलरेटर एक्शन" लैंगिक समानता को गति देने का आह्वान करता है, जो शिक्षा, रोजगार और नेतृत्व में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने वाली नीतियों को पहचानने और उन्हें सशक्त बनाने पर केंद्रित है। उन्होंने महिलाओं को संपूर्ण सृष्टि का आधार, प्रेम और करुणा की प्रतीक तथा समाज व रिश्तों को संवारने वाली शक्ति बताया। साथ ही, उन्होंने जोर दिया कि महिलाओं को हर क्षेत्र में समान अवसर और अधिकार मिलने चाहिए ताकि वे अपनी पूर्ण क्षमता के साथ समाज के विकास में योगदान दे सकें।
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अखिल विश्व गायत्री परिवार के सदस्यों ने किया महिला सशक्तिकरण का आह्वान
कार्यक्रम में वन स्टॉप सेंटर की जिला प्रबंधक चंचल गंगवार, जिला कोऑर्डिनेटर रिंकी सैनी, राष्ट्रीय महामंत्री नरेंद्र पाल, अखिल विश्व गायत्री परिवार के डॉक्टर संगीता सारस्वत, आशुतोष तिवारी, सहित गायत्री परिवार के अनेक महिला एवं पुरुष सदस्य उपस्थित रहे। सभी ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के महत्व पर विचार साझा किए और महिलाओं के उत्थान व सशक्तिकरण की दिशा में सहयोग करने का संकल्प लिया।