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भाजपा जिलाध्यक्ष: जिसके लिए दिल था बेकरार... वो घड़ी आ गई... आ गई

महीनों से था जिसका इंतजार, जिसके लिए दिल था बेकरार...। वो घड़ी आ गई... आ गई। आज तो हद से गुजर जाना है, मार देना है तुझको या मर जाना है...।

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Sudhakar Shukla
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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बरेली। महीनों से था जिसका इंतजार, जिसके लिए दिल था बेकरार...। वो घड़ी आ गई... आ गई। आज तो हद से गुजर जाना है, मार देना है तुझको या मर जाना है...।

फिल्म डॉन में अमिताभ बच्चन पर फिल्माया गया यह मशहूर गीत भाजपा के जिला और महानगर अध्यक्ष पद पर नए नामों की घोषणा पर पूरी तरह से मौजू है। बरेली और आंवला के ज़िला और महानगर अध्यक्ष पद पर नए नामों की घोषणा रविवार यानि कि आज पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में की जाएगी। स्मार्ट सिटी आडिटोरियम में होने वाले भाजपा के इस महत्वपूर्ण समारोह में पार्टी संगठन के चुनाव प्रभारी और यूपी सरकार में मंत्री नरेंद्र कश्यप भी मौजूद रहेंगे। भाजपा में बरेली और आंवला का जिला अध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष कौन होगा, इसकी घोषणा भी वही करेंगे।

घोषणा के समय विवाद होने की आशंका....

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सूत्रों के अनुसार भाजपा के जिला और महानगर अध्यक्ष पद पर नए नाम की घोषणा के समय भाजपा नेताओं में अंदरूनी विवाद होने की आशंका है। क्योंकि दोनों पदों के लिए तीन दर्जन से ज्यादा दावेदार हैं। जो भी दावेदार खुद को इस दौड़ में आगे मानते हैं, अगर उनके नाम की घोषणा नहीं हुई तो वह बवाल भी कर सकते हैं। लखनऊ से मिलने वाली सूचना में कहा गया है कि बरेली के प्रभारी मंत्री की सुरक्षा की सुरक्षा दृष्टि से स्पेशल बाउंसरो का अलावा पुलिस बल की मौजूदगी भी रहेगी। चुनाव पर्यवेक्षक को पुलिस सुरक्षा के अलावा निजी बाउंसर भी साथ में रखने की छूट दी गई है, ताकि नए नामों की घोषणा के समय माहौल गर्म होने की स्थिति में चीजों को नियंत्रित किया जा सके।

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भाजपा ने इस बार उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में अपने जिला और महानगर अध्यक्ष पदों पर चुनाव प्रभारी के जरिए मनोनयन की प्रक्रिया पुरी की है। इसमें रोहिलखंड मंडल के पांच जिले बरेली, आंवला, बदायूं, पीलीभीत और शाहजहांपुर शामिल है।  मंडल के सभी पांचों जिलों में अलग-अलग चुनाव प्रभारी/ चुनाव पर्यवेक्षक पार्टी के नया जिला और महानगर अध्यक्ष पद के नाम की घोषणा करेंगे। सू़त्रों के अनुसार भाजपा ने जिला और महानगर अध्यक्ष पदों पर नए नाम की घोषणा के लिए एकदम अलग-अलग रणनीति अपनाई है। पहले जिला और महानगर अध्यक्ष पदों पर मनोनयन की प्रदेश या दिल्ली मुख्यालय से सूची जारी होती थी l मगर, इसमें विवाद की गुंजाइश बनी रहती थी। कभी-कभार भाजपा के जिला और महानगर अध्यक्ष पद के दावेदार मन माफिक पद न मिल पाने की स्थिति में पार्टी या उसके नेताओं के विरोध में सार्वजनिक रूप से बयान बाजी कर देते थे।

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स्थानीय स्तर पर पार्टी के अंदरुनी असंतोष को रोकने के लिए भाजपा हाईकमान ने इस बार प्रत्येक जिले में प्रभारी मंत्री को संबंध जनपद में जाकर यह घोषणा करने की जिम्मेदारी सौंपी है ताकि जमीनी कार्यकर्ताओं में किसी भी तरह के असंतोष को दूर किया जा सके। इसी रणनीति के तहत रोहिलखंड मंडल के पांचों जिलों में प्रभारी मंत्री देर रात तक जनपद मुख्यालय पर पहुंच चुके थे। एक दो जिलों में प्रभारी मंत्री रात में नहीं पहुंचे तो उनके सुबह 12:00 बजे से पहले पहुंचने की उम्मीद है।  फिलहाल आखिरी समय में भी भाजपा के जिला और महानगर अध्यक्ष पद के दावेदारों में कयासबाजी का दौर जारी है। जिला और महानगर अध्यक्ष पद के ज्यादातर दावेदारों को जनपद मुख्यालय पर अपने नाम की घोषणा का इंतजार है।

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व्हाट्सएप से आएगा संदेश, तब होगी घोषणा

इस बार संगठन चुनाव में भाजपा ने नया प्रयोग किया है। आमतौर पर भाजपा के उत्तर प्रदेश या दिल्ली हाईकमान से जिला और महानगर अध्यक्षों की घोषणा होती थी। इस बार 16 मार्च को यूपी के ज्यादातर जिलों में बीजेपी के स्टेट मुख्यलय से संबधित जिले के प्रभारी मंत्री के व्हाट्सएप पर जिलाध्यक्षों के नाम भेजे जाएंगे। फिर जिला मुख्यालय पर उनकी सार्वजनिक घोषणा होगी।

रुक सकती है कुछ जिलों के अध्यक्षों की घोषणा 

यूपी में कुल मिलाकर 75 जिले हैं। इनमे भाजपा 95 से 98 जिला अध्यक्ष बनाती है। रविवार यानि कि 16 मार्च को उत्तर प्रदेश के सभी जिला- और महानगर अध्यक्ष घोषित होने हैं।  लेकिन सूत्रों का कहना है कि अभी सिर्फ 70 नामों की घोषणा होगी। बाकी जिलों में जिला अध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष के नाम की घोषणा रोकी जा सकती हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चार जिलों समेत कुल 25 पदों के नतीजे  होल्ड पर रखे जाने की ख़बर हैं। हालांकि इसमें बरेली समेत रुहेलखंड मंडल का कोई भी जिला शामिल नहीं है।

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