Advertisment

भाजपा: मेहनत से ज्यादा बड़े नेताओं की गणेश परिक्रमा काम आई

दोनों जिलाध्यक्षों और महानगर अध्यक्ष के मनोनयन में सांसद, महापौर और विधायकों की चली, दूसरे राज्य के एक नेता ने भी अपने लोगों को संगठन में भेजने के लिए लगाया था जोर, मगर हाईकमान ने नहीं सुना उनका शोर

author-image
KP Singh
बीजेपी जिलाध्यक्ष की घोषणा
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

बरेली, वाईबीएन संवाददाता

Advertisment

भाजपा ने रविवार को बरेली और आंवला में जिला अध्यक्ष और बरेली के महानगर अध्यक्ष के नाम की घोषणा कर दी। जैसा कि पहले ही कयास लगाया जा रहा था कि आंवला और महानगर अध्यक्ष के नाम में परिवर्तन नहीं होगा। वहीं यह कयास पहले से ही थे कि बरेली के वर्तमान जिला अध्यक्ष पवन शर्मा की जगह कोई और जिला अध्यक्ष बनाया जा सकता है। ये सब कयास सही साबित हुए। 

रविवार को जब स्मार्ट सिटी ऑडिटोरियम हॉल में इन पदों के लिए नामों की घोषणा की गई तो पवन शर्मा की जगह सोमपाल शर्मा को बरेली का नया अध्यक्ष घोषित किया गया, जबकि आंवला जिलाध्यक्ष पद पर आदेश प्रताप सिंह और महानगर अध्यक्ष अधीर सक्सेना की कुर्सी बरकरार रही। दरअसल उनकी कुर्सी बचाने के लिए जिले के बड़े नेता पूरी ताकत से लगे हुए थे।

यह भी पढ़ें- भाजपा जिलाध्यक्ष: जिसके लिए दिल था बेकरार... वो घड़ी आ गई... आ गई

Advertisment

नामों की घोषणा के बाद भाजपा में एक बार फिर इस बात की चर्चा होने लगी है कि मेहनत करने वाले कार्यकर्ताओं को दरकिनार करके बड़े नेताओं की परिक्रमा को ज्यादा वजन मिला। जिला और महानगर अध्यक्ष पद पर खुद की मेहनत या चुनाव जिताने की परफॉर्मेंस नहीं, बल्कि आकाओं की गणेश परिक्रमा ही काम आई।

बीजेपी
भाजपा जिलाध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष का स्वागत करते जनप्रतिनिधि।

 बरेली जिलाध्यक्ष पद के लिए 40, आंवला के लिए 22 और महानगर अध्यक्ष के लिए 27 कार्यकर्ताओं ने नामांकन किया था। बरेली भाजपा के चुनाव पर्यवेक्षक नरेंद्र कश्यप ने कहा कि जिलाध्यक्षों के चयन में सामाजिक संतुलन को प्राथमिकता दी गई। पार्टी का उद्देश्य सभी 98 जिलों में हर वर्ग और समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में जरूर नतीजे अनुमान के मुताबिक नहीं आए, लेकिन इसके बाद कार्यकर्ताओं ने पूरी मेहनत से काम किया। इसका नतीजा हरियाणा, महाराष्ट्र और हाल ही में दिल्ली में हुए चुनावों के नतीजों में देखने को मिला। हालांकि जो बात चुनाव पर्यवेक्षक के भाषण में झलक रही थी वह जमीन पर कहीं दिखाई नहीं दी। 

Advertisment

यह भी पढ़ें- होली मिलन: दिल मिले या न मिले, हाथ मिलाते रहिए....

आदेश प्रताप सिंह को सबका साथ, सबका विकास 

आदेश प्रताप सिंह के नेतृत्व में 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को आंवला सीट पर हार का मुंह देखना पड़ा था, मगर इस हार का उनकी दावेदारी पर असर नहीं पड़ा। आंवला लोकसभा में उनका बहुत ज्यादा विरोध नहीं देखने को मिला। बरेली से लेकर उत्तर प्रदेश की राजनीति में खासी दखल रखने वाले भाजपा के बड़े नेताओं का उन्हें खूब साथ मिला। पूर्व सांसद ने आंवला के चुनाव में अपनी हार का भी बुरा नहीं माना और आदेश प्रताप का समर्थन किया। इसके पीछे एक बड़ी वजह आंवला सीट पर जातीय समीकरण हैं। 2027 के विधानसभा चुनाव में आंवला में दो लाख से अधिक वोट क्षत्रियों के हैं। हालांकि भाजपा जिला अध्यक्ष का व्यक्तित्व इतना प्रभावशाली नहीं है कि क्षत्रिय वोट उनके कब्जे में हों, मगर फिर भी भाजपा ने उन पर फिर से दांव खेला है।

Advertisment

यह भी पढ़ें- माननीय को ढूंढकर लाओ, नकद इनाम पाओ... जोगीरा सारा रा...

प्रतिद्वंद्वियों को फिर से मात देने में कामयाब हुए अधीर सक्सेना

भाजपा महानगर अध्यक्ष पद पर अधीर सक्सेना के नाम पर भाजपा के एक बड़े नेता का गुट सहमत नहीं था। एक विधायक भी उनके विरोध में थे। वह किसी और को अध्यक्ष बनवाना चाहते थे, मगर शहर के एक माननीय सुरक्षा कवच की तरह उनके साथ खड़े थे। यही वजह थी कि वह विरोधियों को मात देकर फिर से महानगर अध्यक्ष बनने में सफल हुए। हालांकि उनके महानगर अध्यक्ष बनने से कैंट का दूसरा गुट बहुत मायूस है। 

पहले से लग रहे थे पवन शर्मा को हटाने के कयास

भाजपा के भीतर इस बात के कयास पहले ही लगाए जाने लगे थे कि इस बार पवन शर्मा का हटना तय है। रविवार को जब बरेली के चुनाव अधिकारी ज्ञान प्रकाश तिवारी ने सोमपाल शर्मा के नाम का एलान किया तो यह कयास सही साबित हुए। हालांकि इस कतार में पहले ही कई लोग शामिल थे। फरीदपुर निवासी आरएसएस से जुड़े एक नेता भी बरेली से जिला अध्यक्ष पद की लाइन में थे, लेकिन सोमपाल शर्मा के पीछे भी सांसद पूरी ताकत से खड़े थे। भाजपा के कई वरिष्ठ नेता सोमपाल शर्मा के विरोध में भी थे। दूसरे राज्य के एक नेता ने उनकी दावेदारी का विरोध किया था, लेकिन उनकी बरेली की राजनीति में एक न चली। इस बार बरेली की राजनीति में भाजपा संगठन के अंदर उनका एक भी समर्थक एंट्री नहीं कर पाया।

कार्यक्रम में ये नेता रहे मौजूद

जिला अध्यक्ष की घोषणा वाले कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री और चुनाव पर्यवेक्षक नरेंद्र कश्यप, वनमंत्री डॉ. अरुण सक्सेना, गन्ना विकास मंत्री संजय गंगवार, विधायक संजीव अग्रवाल, एमएलसी कुंवर महाराज सिंह, सांसद छत्रपाल सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष रश्मि पटेल, मेयर डॉ. उमेश गौतम, एमएलसी बहोरन लाल मौर्य, बिथरी विधायक राघवेंद्र शर्मा, मीरगंज विधायक डॉ. डीसी वर्मा, नवाबगंज विधायक डॉ. एमपी आर्य, फरीदपुर विधायक डॉ. श्याम बिहारी लाल, पूर्व सांसद धर्मेंद्र कश्यप, बरेली के पूर्व जिलाध्यक्ष पवन शर्मा, महानगर अध्यक्ष अधीर सक्सेना, आंवला जिलाध्यक्ष आदेश प्रताप सिंह, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष हर्षवर्धन आर्य, पूर्व जिलाध्यक्ष रविंद्र सिंह राठौर मौजूद थे।

Advertisment
Advertisment