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जेई से 35 लाख की ठगी करना टीचर को पड़ा भारी, पुलिस ने भेजा जेल

मीरगंज ब्लॉक के हुरहुरी प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका श्वेता को वाराणसी के जेई प्रमोद कुमार से 35 लाख रुपये की ब्लैकमेलिंग के मामले में जेल भेजा गया है। वह 10 फरवरी से वाराणसी जेल में बंद है।

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Sudhakar Shukla
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बरेली,वाईबीएनसंवाददाता

बरेली।मीरगंज ब्लॉक के हुरहुरी प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका श्वेता को वाराणसी के जेई प्रमोद कुमार से 35 लाख रुपये की ब्लैकमेलिंग के मामले में जेल भेजा गया है। वह 10 फरवरी से वाराणसी जेल में बंद है। लंका थाना पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर बेसिक शिक्षा अधिकारी बरेली ने श्वेता को निलंबित कर दिया है। इस मामले में श्वेता, उसके भाई और मौसा समेत पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

पहले दोस्ती, फिर ब्लैकमेलिंग का खेल

वाराणसी के शिवाजीनगर निवासी जेई प्रमोद कुमार ने दिसंबर 2024 में लंका थाने में श्वेता के खिलाफ धोखाधड़ी, ब्लैकमेलिंग, मारपीट और रंगदारी मांगने सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कराया। प्रमोद ने बताया कि 2015 में उनकी और श्वेता की मुलाकात नोएडा स्थित एक निजी कंपनी में काम के दौरान हुई थी, जहां से दोनों की जान-पहचान शुरू हुई। बाद में श्वेता सरकारी नौकरी की तैयारी के लिए मेरठ चली गई और इस दौरान वह प्रमोद से लगातार आर्थिक मदद मांगती रही। शुरू में दोस्ती के नाते प्रमोद ने उसकी सहायता की, लेकिन बाद में श्वेता ने इसी पहचान का फायदा उठाकर उन्हें धमकाना और ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। आरोप है कि श्वेता ने पैसों की मांग पूरी न होने पर प्रमोद को झूठे मामलों में फंसाने की धमकी भी दी।

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ब्लैकमेलिंग के बाद मारपीट और रंगदारी की धमकी

प्रमोद कुमार के अनुसार, 2 जुलाई 2023 को श्वेता अपने भाई आकाश, चचेरे भाई शिवचरन, दोस्त वीपी सिंह और मौसा वनस सिंह के साथ उनके पास पहुंची। आरोप है कि उन्होंने मारपीट करते हुए 20 लाख रुपये की मांग की। धमकी देकर जबरन 50 हजार रुपये ले लिए और चेतावनी दी कि अगर पूरी रकम नहीं मिली तो झूठे मुकदमे में फंसा देंगे।

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गिरफ्तारी के बाद जेई प्रमोद कुमार निलंबित

मुकदमा दर्ज होने के बाद श्वेता फरार हो गई थी, लेकिन 10 फरवरी को लंका पुलिस ने बिजनौर से उसे गिरफ्तार कर लिया और 11 फरवरी को वाराणसी जेल भेज दिया। जांच अधिकारी अपराजित सिंह चौहान ने इस गिरफ्तारी की सूचना बेसिक शिक्षा अधिकारी बरेली को दी। रिपोर्ट मिलने के बाद शिक्षा विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए श्वेता को निलंबित कर दिया और आगे की जांच शुरू कर दी गई।

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पुरानी पहचान बनी मुसीबत

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प्रमोद कुमार ने बताया कि 2018 में श्वेता की पहली पोस्टिंग चंदौली में हुई थी, जहां उनके कहने पर उन्होंने कार की व्यवस्था करवाई थी। कोविड महामारी के दौरान श्वेता की तबीयत खराब हुई, जिस पर उन्होंने करीब पांच लाख रुपये खर्च किए। इसके अलावा, श्वेता के लिए साढ़े सात लाख रुपये की कार भी खरीदी। बावजूद इसके, श्वेता ने उन्हें लगातार ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया और अलग-अलग बहानों से कुल 35 लाख रुपये वसूल लिए।

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