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बरेली,वाईबीएनसंवाददाता
बरेली। बरेली शहर के सिविल लाइंस इलाके में हुए चर्चित रितु हत्याकांड में शुक्रवार सात मार्च को अदालत ने अपना फैसला सुनाया। नौ माह की गर्भवती रितु अग्रवाल की हत्या लूट के लिए की गई थी। अदालत ने विवेक, सोमू और फैज को हत्या का दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। उनके साथ दो नाबालिग भी घटना में शामिल रहे थे, जिनकी फाइल किशोर न्यायालय भेज दी गई।
एक हमलावर को पहचान गई थी रितु, इसलिए मार डाला
घटना के समय रितु हमलावरों में शामिल विवेक को पहचान गई थीं कि वह उनकी दुकान का पूर्व कर्मचारी है। उसे रितु ने भैया कहकर संबोधित किया। तभी उसने धारदार हथियार से रितु पर हमला कर दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला कि रितु के गर्भ में नौ माह का बेटा पल रहा था। शुक्रवार को अपर सेशन जज-प्रथम कुमारी अफशां ने तीनों दोषियों को उम्रकैद और 41-41 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
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बड़ा बाजार के कपड़ा व्यापारी की पुत्रवधू थी रितु, घर में था नौकरों का आना-जाना
शहर के बड़ा बाजार में कपड़े के व्यापारी ब्रह्मानंद की दुकान पर विवेक शर्मा उर्फ विक्कू और सोनू सारस्वत नौकरी करते थे। उन दोनों से दोस्ती के कारण फैज और दो नाबालिग अक्सर दुकान पर आते थे। अप्रैल 2006 को विवेक ने नौकरी छोड़ दी। मगर उनका वर्षों से ब्रह्मानंद के घर आना-जाना था, इसलिए परिवार के सदस्य उन्हें पहचानते थे। उन दोनों को पता था कि व्यापारी के दुकान जाने के बाद घर में उनकी पत्नी गीता और पुत्रवधू रितु ही रह जाती हैं। यह भी पता कर लिया था कि किस वक्त महिलाएं घर में अकेली होती हैं। इसलिए आरोपितों ने दोपहर 1:30 बजे का समय चुना और घटना को अंजाम दिया।
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व्यापारी के घर की पूरी जानकारी रखते थे नौकर, थैला पहुंचाने के बहाने पहुंचे थे
आरोपित कपड़ा व्यापारी की दुकान पर पहले से काम करते थे। इसलिए उन्हें इस बात की पूरी जानकारी थी कि दुकान में कौन किस समय होता है। आरोपितों को यह भी मालूम था कि व्यापारी के घर में कितना माल हो सकता है। इसलिए पांचों ने लूट की योजना बनाई। पांच अगस्त 2006 की दोपहर को दुकान से थैला पहुंचाने के बहाने विवेक, सोनू और दो अन्य उनके घर में घुस गए। दरवाजे के पास गीता अग्रवाल आईं तो हमलावरों ने उन्हें घायल कर दिया। उनकी चीख सुनकर रितु रसोई से बाहर निकलीं। उन्होंने हमलावरों के साथ विवेक को देखा तो अचंभित रह गईं। रितु ने भैया कहकर उसे रोकना चाहा, इतने में उसने हमला कर उनकी हत्या कर दी।
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10 लाख के जेवर और नकदी लूटकर ले गए थे हत्यारे
हत्यारे 10 लाख कीमत के आभूषण, नकदी आदि लूटकर सभी फरार हो गए। ब्रह्मानंद के भांजे व्यापारी पीयूष अग्रवाल ने पांचों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें कहा गया कि लुटेरे तीन हीरे की अंगूठी, सोने की चूड़ियां, सोने की तीन जंजीर, दो मोती की चूड़ियां, दो सोने के कड़े, एक अंगूठी पन्ना और नकदी ले गए। कपड़ा व्यापारी ब्रह्मानंद के घर में आटोमेटिक दरवाजा लगा हुआ था। दोषियों के घर में घुसने के कुछ समय बाद दरवाजा अपने आप बंद हो गया। यह देख हमलावर सीढ़ियों से छत पर गए, और कूदकर फरार हो गए।
दो नाबालिग आरोपियों की फाइल किशोर न्याय बोर्ड भेजी
विवेक शर्मा, फैज अली और सोमू सारस्वत के अलावा दो अन्य आरोपित किशोर अपचारी साबित हुए। जिनकी पत्रावली पृथक करके किशोर न्याय बोर्ड भेज दी गई। डीजीसी क्राइम रीतराम राजपूत ने अदालत में 10 गवाह पेश किए। अपर सेशन जज-प्रथम कुमारी अफशां ने विवेक शर्मा निवासी बड़ी बमनपुरी, फैज अली निवासी मोहल्ला खन्नू और सोमू सारस्वत निवासी मोहल्ला साहूकारा को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है।