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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
बरेली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता की समस्याओं का घर बैठे निपटारा करने के लिए आइजीआरएस पोर्टल बनाया। इसका उद्देश्य था कि कोई भी व्यक्ति अपनी किसी समस्या की शिकायत ऑनलाइन तरीके इस पोर्टल पर दर्ज कर सकता है। अधिकारियों को पीड़ित पक्ष की बात को सुनते हुए समस्या का समाधान या शिकायत का निस्तारण 15, दिन में करना रहता है।
मगर, बरेली कृषि विभाग में एक साल से कार्यरत डिप्टी डायरेक्टर अभिनंदन सिंह ने मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल का मजाक बना कर रख दिया है। वह 100 से अधिक शिकायत अपने विभागीय अधिकारी या कर्मचारियो के पक्ष में एक एकतरफा तरीके से निपटा चुके हैं। अब तक एक भी शिकायत में कृषि विभाग के किसी भी अफसर या कर्मचारी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
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तहसील बहेड़ी की ग्राम पंचायत उनाई मकरूका के ग्रामीणों ने सीएम जन सुनवाई पोर्टल पर मसूर, सरसो, राई, मटर, चना आदि के बीज वितरण में घपले की शिकायत सीएम पोर्टल पर की। उसमे बताया गया कि हल्का लेखपाल धर्मवीर और गोदाम प्रभारी जयप्रकाश ने मिलीभगत करके 300 किसानों के अंगूठे पीओएस मशीन पर यह कहकर लगवा लिए कि प्रधानमंत्री सम्मान निधि आने वाली है। जब तक अंगूठा नहीं लगाएंगे, तब तक उनके खाते में किसान सम्मान निधि नहीं आएगी। अंगूठा लगवाने के बाद 300 किसानों का अनुमान अनुदानित बीच हड़प लिया गया।
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इसकी शिकायत किसानों ने जिला कृषि अधिकारी डायरेक्टर अभिनंदन सिंह से की। उसकी जांच एसडीओ कृषि बहेड़ी और एसडीओ शीशगढ़ से की। जांच अधिकारी ने भौतिक सत्यापन करने के बाद किसानों की पूरी बात सही पाई। मगर, उसके बाद भी जिला कृषि अधिकारी ऋतुषा तिवारी और डिप्टी डायरेक्टर अभिनंदन सिंह ने कोई कार्रवाई नहीं की। जांच अधिकारी और गोदाम प्रभारी के बीच में जांच को लेकर विवाद भी हुआ। एसडीओ कृषि की ओर से गोदाम प्रभारी पर फिर के लिए तहरीर भी दी गई मगर बाद में यह मामला समझौता करके निपटा दिया गया।
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किसानों का कहना है कि अनुदानित बीज से होने वाली ऊपरी आमदनी का हिस्सा बंटवारा डिप्टी डायरेक्टर और जिला अधिकारी के बीच में हो गया। सीएम पोर्टेल की शिकायत का निस्तारण गोदाम प्रभारी के पक्ष में करा दिया गया। किसानों को अनुदानित बीज अब तक नहीं मिला। तब तक फसल बुवाई का सीजन भी निकल गया है।
वर्जन
कोई भी सीएम पोर्टल पर शिकायत करता है तो उसे उस शिकायत के पक्ष में सबूत भी लगाने होते हैं। अगर, शिकायतकर्ता सबूत नहीं देते हैं तो उनका हम विभागीय कर्मचारी या अधिकारियों के पक्ष में उसका निस्तारण कर देते हैं।
अभिनंदन सिंह, डिप्टी डायरेक्टर कृषि बरेली मंडल बरेली