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बरेली,वाईबीएनसंवाददाता
बरेली।एंटी करप्शन टीम ने गुरुवार को बिथरी के खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) के चालक वीरपाल को पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। शनिवार को बीईओ मुख्यालय ने आरोपी ड्राइवर को निलंबित कर दिया, जबकि बीईओ अवनीश प्रताप सिंह फरार हो गए और उन्होंने चिकित्सा अवकाश के लिए आवेदन कर दिया।
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रुका वेतन जारी करने के लिए मांगी रिश्वत, मामला उजागर
कैंट क्षेत्र के गांव मोहनपुर निवासी मोहम्मद इलियास, जो सैदपुर कुर्मियान स्थित पीएम श्री विद्यालय में प्रधानाध्यापक हैं, का अप्रैल और मई 2024 का वेतन रुका हुआ था। वेतन जारी कराने के बदले उनसे पांच हजार रुपये की रिश्वत मांगी गई। इस पर उन्होंने एंटी करप्शन टीम से शिकायत की। गुरुवार को टीम ने कार्रवाई करते हुए रिश्वत लेते समय खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) के चालक वीरपाल को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान बीईओ अवनीश प्रताप सिंह मौके से फरार हो गए। मामले के तूल पकड़ने के बाद बीईओ ने चिकित्सा अवकाश की अर्जी दे दी। दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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भ्रष्टाचार मामला: बीएसए की सख्त कार्रवाई, बीईओ से मांगा जवाब
शनिवार को बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) संजय सिंह की अनुमति के बाद बीईओ मुख्यालय के दिनेश चंद्र जोशी ने चालक वीरपाल को निलंबित कर दिया। वहीं, बीईओ अवनीश प्रताप सिंह ने चिकित्सा अवकाश की मांग करते हुए खुद को अनुपस्थित कर लिया है। बीएसए संजय सिंह ने बताया कि चालक को निलंबित कर दिया गया है और बीईओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। साथ ही, उनके खिलाफ जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी। यदि निर्धारित समय के भीतर संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
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जानिए अवनीश प्रताप सिंह की कहानी
खंड शिक्षा अधिकारी अवनीश प्रताप सिंह पहले राजस्व विभाग में लेखपाल के पद पर कार्यरत थे। इसके बाद उन्होंने 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा पास की और सहायक अध्यापक पद के लिए चयनित हुए। हालांकि, वे केवल एक दिन ही इस पद पर कार्यरत रहे, क्योंकि अगले ही दिन उनका चयन खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) के रूप में हो गया। पूरनपुर में एक दिन शिक्षक और अगले ही दिन शिक्षा अधिकारी बनने की उनकी यह यात्रा काफी चर्चा का विषय बनी थी।