/young-bharat-news/media/media_files/2025/03/25/N2KoJJGYbQg2ho02ZunB.jpg)
00:00
/ 00:00
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
बरेली, वाईबीएन संवाददाता
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को पश्चिमी यूपी में बड़ा झटका लग सकता है। सपा के कद्दावर नेता आज़म खान जेल से रिहा होने के बाद समाजवादी पार्टी को बाय-बाय करके अपनी खुद की पार्टी बना सकते हैं। आजम खां की पत्नी और बेटे की जेल से रिहाई हो चुकी है। आजम खां की रिहाई भी जल्द ही होने के आसार हैं। वह अखिलेश यादव से लंबे समय से नाराज चल रहे हैं।
सूत्रों की माने तो सपा के कद्दावर नेता और यूपी सरकार के पूर्व मंत्री आज़म खान की जेल से जल्द ही रिहाई हो सकती है। अभी वह सीतापुर जेल में बंद हैं। सरकार से जुड़े उच्च पदस्थ सू़त्रों का कहना है कि भाजपा की योगी सरकार से आजम खान की रिहाई की डील हो चुकी है। उसके बदले में शर्त यह है कि जेल से रिहा होने के बाद उनको सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का साथ छोड़ना पड़ेगा। 2027 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इस डील पर आजम खान भी सहमत हो चुके हैं और योगी सरकार की भी हरी झंडी मिल चुकी है। इसके संकेत इस बात से भी मिलते हैं कि रामपुर की जौहर यूनिवर्सिटी के अंदर जो सरकारी ज़मीन सरकार ने जब्त की थी। उस पर प्रशासन पूरी तरह खामोश है। लंबे समय से इस मामले पर कोई एक्शन नहीं लिया गया है।
पूर्व मंत्री और सपा नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्लाह आजम के दो पैन कार्ड , दो पासपोर्ट और दो जन्म प्रमाण पत्र के मुकदमों में भी कार्रवाई की रफ्तार धीमी पड़ गई है। सरकार की तरफ से पैरोकारी भी सुस्त है। वहीं दूसरी ओर आजम खान के परिवार को निचली अदालत से जमानत भी मिल गयी है। आजम खान की पत्नी डॉ. तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम जमानत पर जेल से बाहर आ चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि आजम खान भी जमानत पर जल्द जेल से बाहर आ सकते हैं।
उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक लखनऊ के दो सीनियर अफसरो ने भाजपा के बड़े नेताओं से मिलकर आजम खां की रिहाई की डील कराई है। इस डील में योगी सरकार इस बात पर सहमत हो गई है कि आजम पर बहुत सख्ती नहीं की जाएगी। मगर, जेल से रिहाई के बाद आजम खां को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का साथ छोड़ना होगा।
राजनीतिक सूत्रों की माने तो सीतापुर जेल से रिहाई के बाद समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री आजम खान अखिलेश यादव के साथ अपने मतभेदों का खुलेआम ऐलान करके सपा छोड़ने का ऐलान सकते हैं। इसके बाद वह नई पार्टी बनाकर कांग्रेस बसपा या अन्य धर्मनिरपेक्ष दलों के साथ गठबंधन करके 2027 के विधानसभा चुनाव में ताल ठोक सकते हैं। राजनीतिक सूत्रों के अनुसार 2024 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने रामपुर से सपा का प्रत्याशी आजम खान की मनमर्जी से नही उतारा था। इसके अलावा आजम खां अन्य लोकसभा सीटों पर भी अपनी मनमर्जी के प्रत्याशी को सपा के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते थे। मगर, इसमें भी उनकी अनदेखी की गई। इससे वह सपा मुखिया अखिलेश यादव से लंबे समय से नाराज बताए जा रहे हैं। जेल से रिहाई के बाद आजम खां की नाराजगी का असर समाजवादी पार्टी पर स्पष्ट रूप से नजर आएगा। राजनीतिक हलकों में इसको लेकर अटकलें फिलहाल तेज हैं।