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Entry Ban without Helmet : हेलमेट नहीं तो सरकारी कार्यालयों में प्रवेश नहीं

अधिकारियों और कर्मचारियों को कार्यालय जाने पर दोपहिया वाहन पर हेलमेट और कार में सीटबेल्ट लगाना जरूरी है। ट्रैफिक नियमों के अनुपालन को लेकर मंडल आयुक्त सौम्या अग्रवाल ने मंडल के सभी विभागाध्यक्षों को आदेश जारी कर दिया है।

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KP Singh
Bareilly commisner
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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बरेली। ट्रैफिक नियमों को लेकर शासन-प्रशासन ने सख्ती और बढ़ा दी है। अब सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट और चार पहिया वाहन में सीट बेल्ट लगाना जरूरी है। दो पहिया वाहन पर हेलमेट और कार में बगैर सीट बेल्ट के पाए जाने पर संबधित अधिकारियों और कर्मचारियों को दफ्तर में प्रवेश नहीं मिलेगा। साथ ही उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।

आए दिन होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में अक्सर लोगों की जान चली जाती है। हादसों में सबसे ज्यादा मौत सिर में चोटें आने की वजह से होती हैं। इस कारण ट्रैफिक नियमों को लेकर शासन-प्रशासन ने सख्ती और बढ़ा दी है। अब आम लोगों की तरह सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को भी ट्रैफिक नियमों का पालन करना होगा। 

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सहयात्री को भी लगाना होगा हेलमेट

मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल ने जारी आदेश में कहा है कि सरकारी एवं अर्धसरकारी कार्यालयों में जो अधिकारी और कर्मचारी दोपहिया वाहन से पहुंचते हैं, वे हेलमेट जरूर लगाएं। उनके साथ यात्रा करने वाले सहयात्री को भी हेलमेट लगाना जरूरी है। इसी तरह जो अधिकारी और कर्मचारी चार पहिया वाहन से कार्यालय आते हैं, वे सीट बेल्ट अवश्य लगाएं। साथ ही वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग न करें। चार पहिया वाहन में बैठने वाले सहयात्री को भी सीट बेल्ट लगाना आवश्यक है।

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प्रवेश द्वार पर सुरक्षा गार्ड करेंगे चेकिंग

आयुक्त सौम्या अग्रवाल ने आदेश दिया है कि कार्यालय के प्रवेश द्वार पर तैनात सुरक्षाकर्मी हेलमेट और सीट बेल्ट के अनुपालन की जांच करेंगे। अगर निर्देशों का उल्लंघन पाया जाता है तो उन्हें कार्यालय में प्रवेश करने से रोक दिया जाएगा। साथ ही नियमों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। मंडलायुक्त ने मंडल के सभी विभागाध्यक्षों को आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराने का आदेश दिया है। 

पुलिस से बचने को वाहनों पर लिखा विभाग का नाम

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ज्यादातर सरकारी अधिकारियों और कर्मचारों ने वाहन पर अपने पद या विभाग का नाम लिखा रखा है। चेकिंग के दौरान पुलिस पदनाम या विभाग का नाम लिखे वाहनों को नहीं रोकती है। इस वजह से वे कार्रवाई से बच जाते हैं और नियमों को उल्लंघन करते हैं।

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