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केंद्रीय कुक्कुट अनुसंधान संस्थान और रुहेलखंड विश्वविद्यालय के बीच व्यवसाय और रोजगार को बढ़ावा देने के समझौते पर हस्ताक्षर

आईसीएआर-केन्द्रीय कुक्कुट कुक्कुट अनुसंधान संस्थान (सीएआरआई) और महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड विश्वविद्यालय (एमजेपीआरयू) के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।

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Sudhakar Shukla
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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बरेली। आईसीएआर-केन्द्रीय कुक्कुट कुक्कुट अनुसंधान संस्थान (सीएआरआई) और महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड विश्वविद्यालय (एमजेपीआरयू) के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते का उद्देश्य शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में परस्पर सहयोग को सुदृढ़ करना है। समझौते पर आईसीएआर-सीएआरआई के निदेशक डॉक्टर ए के तिवारी एवं एमजेपी रोहिलखंड विश्वविद्यालय के डायरेक्टर ऑफ़ रिसर्च महात्मा ज्योतिबा फूले रोहिलखंड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ आलोक श्रीवास्तव द्वारा हस्ताक्षर किए गए।

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शिक्षा अनुसंधान के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देना : कुलपति

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इस अवसर पर दोनों संस्थानों के वरिष्ठ वैज्ञानिक, डायरेक्टर ऑफ़ रिसर्च महात्मा ज्योतिबा फूले रोहिलखंड विश्वविद्यालय प्रो डॉ आलोक श्रीवास्तव, डॉक्टर सिम्मी तोमर डॉ आभा त्रिवेदी डॉ शरण तथा डॉक्टर पीके वर्मा, संकाय सदस्य और शोधार्थी उपस्थित थे। इस साझेदारी के तहत दोनों संस्थान अनुसंधान परियोजनाओं, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और वैज्ञानिक संसाधनों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देंगे। पशुपालन, कुक्कुट विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवीनतम अनुसंधान को बढ़ावा देने के साथ विद्यार्थियों और शोधार्थियों को अत्याधुनिक सुविधाओं और विशेषज्ञता का लाभ मिलेगा।

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विद्यार्थियों को व्यवसाय उद्योग और रोजगार के क्षेत्र में मिलेगा लाभ

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महात्मा ज्योतिबा फूले रोहिलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह ने इस समझौते को विश्वविद्यालय के लिए एक मील का पत्थर बताते हुए कहा कि इससे विद्यार्थियों को व्यावहारिक ज्ञान और उद्योग से जुड़ी जानकारी प्राप्त होगी, जिससे उनके करियर को नई दिशा मिलेगी। वहीं, सीएआरआई के निदेशक ने इसे कृषि और कुक्कुट विज्ञान के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों के विकास के लिए एक सकारात्मक कदम बताया।

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इस एमओयू से क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा मिलेगा, जिससे कृषि और पशुपालन क्षेत्र में नए अवसर सृजित होंगे। यह साझेदारी आने वाले वर्षों में नवाचार और तकनीकी उन्नति के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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