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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
बरेली। इत्तेहादे मिल्लत कौंसिल (आईएमसी) प्रमुख मौलाना तौकीर रजा के खिलाफ भड़काऊ भाषण मामले में दाखिल की गई रिवीजन याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। अधिवक्ता वीरेंद्र पाल गुप्ता की ओर से दाखिल इस याचिका में तौकीर रजा पर भड़काऊ भाषण देने के मामले में कार्रवाई की मांग की गई थी।
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बरेली के कस्बा रिठौरा निवासी अधिवक्ता वीरेंद्र पाल गुप्ता ने मौलाना तौकीर रजा के खिलाफ धारा 156 (3) के तहत रिवीजन याचिका दाखिल की थी। याचिका को अपर सत्र न्यायाधीश गगन कुमार भारती की कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
याजिका में अधिवक्ता ने आरोप लगाया था कि मौलाना तौकीर रजा बरेली में 2010 हुए दंगों के आरोपी हैं। वह समय-समय पर भड़काऊ भाषण देकर माहौल खराब कर हिंसा फैलाने की कोशिश करते हैं। उनके खिलाफ कई आपराधिक मामले भी दर्ज हैं। फरवरी 2024 में जब बरेली में धारा 144 लागू थी, इसके बाद भी तौकीर रजा ने सामूहिक गिरफ्तारी का आह्वान कर भीड़ इकट्ठा कर माहौल खराब करने की कोशिश की। कोर्ट ने अधिवक्ता की यह याचिका 15 मई 2024 को खारिज कर दी थी।
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15 मई 2024 को दाखिल याचिका खारिज होने के बाद कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए अधिवक्ता वीरेंद्र पाल गुप्ता ने रिवीजन याचिका दाखिल की थी। रिवीजन याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने इसे भी खारिज कर दिया और 15 मई 2024 के आदेश को सही करार दिया। आईएमसी प्रमुख और उनके समर्थकों ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। वे इसे अपनी नैतिक जीत बता रहे हैं।