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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
बरेली। भाजपा के जिला और महानगर अध्यक्षों पर अब सस्पेंस खत्म होने वाला है। पिछले दो महीने से लटकी भाजपा के जिला और महानगर अध्यक्षों की सूची अगले 48 घंटे में आने की अटकलें हैं। रोहिलखंड मंडल के चारों जिलों में जिला और महानगर अध्यक्ष पद के दावेदारों की धड़कन में तेज हो गई हैं। ज्यादातर दावेदार दिल थाम कर बैठे हैं और हाईकमान से सूची जारी होने का इंतजार कर रहे हैं।
भाजपा जिला और महानगर अध्यक्षों के चयन पर लटका मामला
भाजपा के जिला और महानगर अध्यक्षों के चयन पर मामला लंबे समय से लटका हुआ है। नए भाजपा ज़िला और महानगर अध्यक्षों की सूची जनवरी मे ही आने के कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन फरवरी बीतने के बाद भी जब सूची जारी नही हुई तो तमाम दावेदार परेशान हो गए। रुहेलखंड मंडल के पांच जिलों बरेली, आंवला, पीलीभीत, शाहजहांपुर व बदायूं के जिला और महानगर अध्यक्ष पद के दावेदार लखनऊ और दिल्ली तक की दौड़ लगाकर जब थक गए तो आकर घर में बैठ गए हैं। हालांकि दावेदारों को दिल्ली और लखनऊ में बैठे उनके आकाओं ने काम हो जाने का आश्वासन दे दिया है । इसके बाद जिला और महानगर अध्यक्षों के दावेदारों को अपने आकाओं पर पूरा भरोसा है।
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यूपी में 30 से ज्यादा जिला अध्यक्ष बदलने की तैयारी
सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में दो से ढाई दर्जन जिला अध्यक्षों के बदले जाने की अटकलें हैं। उनके स्थान पर नए चेहरों को मौका दिया जाएगा। लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में सीटें कम होने के बाद पार्टी निष्क्रिय जिला अध्यक्षों को पद से हटाकर उनकी जगह नए शहरों को मौका देना चाहती है। तमाम जिलों में पुराने जिला अध्यक्ष को ही रिपीट करने की अटकलें भी हैं। भाजपा के अंदरुनी सू़त्रों की मानें तो रुहेलखंड मंडल में पार्टी जातीय समीकरण साधकर चलना चाहती है ताकि आने वाले समय में इसका फायदा मिले। इस समीकरण के चलते शाहजहांपुर में ब्राह्मण, पीलीभीत में दलित, बरेली और आंवला में पिछड़ा वर्ग, अथवा क्षत्रिय और ब्राह्मण के अलावा बदायूं में पिछड़े वर्ग के चेहरों पर दांव लगाया जा सकता है।
शाहजहांपुर में केसी मिश्रा की दोबारा ताजपोशी संभव
शाहजहांपुर में वर्तमान जिला अध्यक्ष केसी मिश्रा भी ब्राह्मण हैं। इनका कार्यकाल अभी पूरा नहीं हुआ है। इसके चलते के सी मिश्रा को रिपीट किया जा सकता है। इनके दोबारा जिला अध्यक्ष बनने की संभावनाएं हैं । शाहजहांपुर में महानगर अध्यक्ष पद पर क्षत्रिय या पिछड़े वर्ग के चेहरे की ताजपोशी हो सकती है। पीलीभीत में दलित या ब्राह्मण चेहरे पर भाजपा दांव लगा सकती है। यहां वर्तमान जिला अध्यक्ष संजीव प्रताप सिंह ठाकुर हैं। इनके रिपीट होने की संभावना बहुत कम है। पीलीभीत में दलित उसमें भी खास तौर से बाल्मीकि चेहरे पर दांव लगाया जा सकता है। नगर अध्यक्ष पद पर भी किसी नए चेहरे को मौका दिया जा सकता है। बरेली में वर्तमान जिला अध्यक्ष पवन शर्मा के भी रिपीट होने की संभावना कम है।
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पीलीभीत में दलित तो बरेली में ब्राह्मण चेहरा
अगर, पीलीभीत में दलित चेहरा जिला अध्यक्ष बनता है तो बरेली में ब्राह्मण चेहरे के जिला अध्यक्ष बनने की संभावना बढ़ सकती है। मगर, शाहजहांपुर में अगर ब्राह्मण चेहरे को बीजेपी आगे रखती है तो बरेली में पिछड़े या फिर अति पिछड़े वर्ग के व्यक्ति के जिला अध्यक्ष बनने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। बरेली में ब्राह्मण चेहरे को भी मौका देने की अटकलें लग रही है। क्योंकि यहां जिला पंचायत अध्यक्ष, सहकारी बैंक चेयरमैन, सांसद, विधायक में से अधिकांश पदों पर पिछड़े वर्ग के लोग काबिज हैं। बरेली महानगर अध्यक्ष पद पर वर्तमान महानगर अध्यक्ष अधीर सक्सेना को दोहराए जाने की अटकलें हैं।
अधीर सक्सेना के रिपीट होने में अड़चन, आंवला में आदेश प्रताप सिंह की दावेदारी
हालांकि एक खास नेता की गोद में बैठने की वजह से अधीर सक्सेना को दोबारा रिपीट होने में बाधा भी आ सकती है क्योंकि एक बड़े नेता के साथ उनके गुट के विधायक और मंत्री भी वर्तमान महानगर अध्यक्ष से खुश नहीं हैं। आंवला में वर्तमान जिला अध्यक्ष आदेश प्रताप सिंह की फिर से तगड़ी दावेदारी है। मगर, उनके कार्यकाल में भाजपा लोकसभा की सीट हार चुकी है। यह समीकरण उनकी फिर से दावेदारी को कमजोर कर सकता है। अंदरूनी सूत्रों की माने तो पूर्व लोकसभा सांसद भी वर्तमान जिला अध्यक्ष को एक बार फिर से मौका देने के पक्ष में नहीं है। मगर, ऊपर के नेताओं में अच्छी पकड़ होने के चलते इनकी फिर से ताजपोशी भी हो सकती है।
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बदायूं में पिछड़ा वर्ग या ठाकुर बिरादरी के चेहरे पर दांव संभव
बदायूं में पिछड़ा वर्ग या फिर ठाकुर बिरादरी के चेहरे पर दांव खेला जा सकता है। किसी पुराने कार्यकर्ता को भी यहां जिला अध्यक्ष बनाया जा सकता है। हालांकि जिला और महानगर अध्यक्ष पद की दावेदारी मेंअभी यह सब कयासबाजी ही है। सूची जारी होने से पहले भाजपा में अटकलों का बाजार गर्म है। सभी दावेदारों को हाईकमान स्तर से नई सूची जारी होने का इंतजार है।
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