/young-bharat-news/media/media_files/2025/03/20/Icv5sOg4Jp6qhucsTwct.jpg)
बरेली,वाईबीएनसंवाददाता
बरेली। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के जैव रसायन विभाग में स्नाक्तोत्तर विद्यार्थियों के लिए छह दिवसीय कार्यशाला आयोजन किया जा रहा है, इसमें जैविक नमूनों से प्रोटीन की पहचान के बारे में जानकारी दी जा रही है। कार्यशाला में संस्थान के 18 प्रशिक्षणार्थी ने भाग लिया। प्रशिक्षण का उद्देश्य विद्यार्थियों को नए टीकों और दवाइयों के विकास के लिए जरुरी अनुसंधान कौशलता का विकास करना है।
यह भी पढ़ें- विजीलेंस टीम का फरीदपुर में छापा, संविदा कर्मी के घर 90 बिजली के मीटर पकड़े गए, एफआईआर
संस्थान के संयुक्त निदेशक शैषणिक डॉ. एसके मेंदीरत्ता ने कहा कि यह कार्यशाला विद्यार्थियों के अनुसंधात्मक कुशलता एवं कौशल विकास के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है, इससे विद्यार्थियों की जटिल अनुसंधान करने की क्षमता बढ़ेगी और उनका कौशल विकास भी होगा। जैव रसायन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. राघवेंद्र सिंह ने प्रोटीन के बारे में बताया। कार्यक्रम में डॉ. करुणा ईरंगबम, डॉ. अजय कुमार, डॉ. मोहिनी सैनी, डॉ. प्रवीण सिंह, डॉ. मनीष महावर, डॉ. मीता सक्सेना, पूजा आदि मौजूद रहे।
यह भी पढ़ें- अनाथालय के गुरुकुल से सात बच्चे भागे, पांच मिल गए, दो लापता
प्रोटीन की पहचान और विश्लेषण के लिए बताई जाएगी तकनीक
पाठ्यक्रम निदेशक डॉ. मुकेश कुमार ने बताया कि कार्यशाला में छात्रों को प्रोटीन की पहचान और विश्लेषण के लिए आधारभूत जैव रासायनिक तकनीकियों के बारे में बताया जाएगा, जिससे विभिन्न विभागों में कार्यरत विद्यार्थी आसानी से अपने अनुसंधान कार्य कर पाएंगे। इसके अलावा एसडीएस पेज, वेस्टर्न ब्लाटिंग और द्वितीयक सरंचना आदि के बारे में जानकारी दी जाएगी।