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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
बरेली। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) ने आरकेवीवाई रफ्तार एबीआई योजना के तहत स्टार्टअप्स के साथ 28 फरवरी 2025 को एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoA) पर हस्ताक्षर किए। इस विशेष अवसर पर निदेशक डॉ. त्रिवेणी दत्त, संयुक्त निदेशक (प्रसार शिक्षा) डॉ. रूपसी तिवारी, प्रधान अन्वेषक एवं सीईओ आर-एबीआई डॉ. बबलू कुमार, आर-एबीआई टीम तथा चयनित पाँचवें समूह के स्टार्टअप्स—गिरगाउ जतन प्राइवेट लिमिटेड, मैंगो वुड डेयरी फार्म्स प्राइवेट लिमिटेड, पायनियर इन वेटरनरी डायग्नॉस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड और डीएनए लैब—उपस्थित थे।
यह समझौता पशु चिकित्सा विज्ञान क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार-आधारित उद्यमशीलता के बीच की खाई को पाटने में आईवीआरआई की महत्वपूर्ण भूमिका को सुदृढ़ करेगा। इस पहल से पशु चिकित्सा और पशुपालन क्षेत्र के हितधारकों को व्यापक लाभ मिलेगा और उद्योग में प्रभावशाली परिवर्तन आएंगे।
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आईवीआरआई एवं आरकेवीवाई रफ्तार एबीआई योजना के सतत सहयोग से ये स्टार्टअप्स टिकाऊ, नवाचार-आधारित और बाजार केंद्रित समाधान विकसित करेंगे, जो न केवल पशुपालन क्षेत्र की उत्पादकता को बढ़ाएंगे बल्कि भारत के कृषि एवं पशु चिकित्सा उद्योग में आर्थिक प्रगति और तकनीकी विकास को भी गति देंगे।
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इस सहयोग के माध्यम से आईवीआरआई पशु चिकित्सा क्षेत्र में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराता है। इन स्टार्टअप्स को संरचित इनक्यूबेशन सहायता, तकनीकी मार्गदर्शन और वित्तीय सहयोग प्रदान कर संस्थान पशु रोग निदान, डोरस्टेप लैब सेवाएं, डेयरी फार्म समाधान और अनारोबिक कंपोस्टिंग तकनीक से जुड़े उन्नत समाधान विकसित करने में मदद करेगा।
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समझौते के तहत प्रथम चरण की वित्तीय सहायता इन स्टार्टअप्स को प्रदान की जाएगी। जिससे वे अपने निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें। आईवीआरआई अपने समृद्ध अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र के माध्यम से तकनीकी विशेषज्ञता, व्यावसायिक परामर्श और अत्याधुनिक अनुसंधान सुविधाएं उपलब्ध कराकर इन स्टार्टअप्स की वृद्धि और विस्तार को सुनिश्चित करेगा।