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बरेली। समाजवादी पार्टी के सांसद नीरज मौर्य की बरेली के दिग्गज बीजेपी नेता को दिल्ली में सांसद कोटे से लेटर लिखने के बाद सरकारी आवास दिलाने के मामले में चुप्पी साधने से तमाम सवाल उठने लगे हैं। यंग भारत न्यूज चैनल पर यह खबर प्रसारित होने के बाद समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। सपा में बरेली से लेकर लखनऊ और दिल्ली तक बवाल मच गया है।
यंग भारत न्यूज की खबर का ये हुआ असर
यंग भारत न्यूज नेटवर्क ने 13 अप्रैल को आंवला लोकसभा के सांसद नीरज मौर्य के भाजपा से गहरे होते रिश्तों पर " क्या भाजपा में अपना भविष्य तलाश रहे हैं सपा सांसद नीरज मौर्य" शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। यह समाचार बरेली से लेकर लखनऊ और दिल्ली तक न केवल सपा बल्कि भाजपा नेताओं के बीच में भी छाया रहा। सपा के ब्लॉक, तहसील और जिला स्तरीय नेता फोन करके एक दूसरे से नीरज मौर्य की सपा से सांसद रहते हुए भाजपा के प्रति अगाध निष्ठा के बारे में जानकारी लेते रहे।
लेटर बम पर सांसद ने साधा मौन
वहीं दूसरी ओर सपा सांसद नीरज मौर्य ने बरेली के दिग्गज भाजपा नेता को सरकारी कोटे से दिल्ली में आवास दिलाने के लिए अपनी तरफ से लोकसभा सदस्य के तौर पर लिखे गए पत्र पर फिलहाल चुप्पी साध ली। इससे सपा नेताओं का शक और गहरा गया। सूत्रों के अनुसार सपा सांसद अपने चंद समर्थकों और चापलूसों के बीच में भाजपा नेता के लिए लिखे गए लेटर बम से यह कहकर पीछा छुड़ाने में लगे रहे कि इस खबर में सच्चाई नहीं है। जबकि सच्चाई उनको खुद पता है।
सपाइयों को दे रहे सफाई
सूत्रों के मुताबिक अपने बरेली दफ़्तर में सपा नेताओं को सांसद ने सफाई भी दी कि किसी भाजपा नेता को दिल्ली में सांसद कोटे से सरकारी आवास दिलाने के लिए उनकी तरफ से कोई पत्र नहीं लिखा गया। वह अलग बात है कि इस मसले की सच्चाई सपा सांसद भी अच्छी तरह से जानते हैं। सपा सांसद का लेटर मिलने के बाद ही दिग्गज भाजपा नेता को दिल्ली में सरकारी आवास मिल पाया। अगर सपा सांसद संसद सदस्य के तौर पर पत्र नहीं लिखते तो दिग्गज भाजपा नेता को दिल्ली में सांसद कोटे से पहले से मिला आवास खाली करना पड़ता।
ये है मामला
दरअसल, भाजपा नेता को खुद सांसद रहते हुए दिल्ली में लंबे समय से सरकारी आवास मिला था। मगर, 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा से टिकट कटने के बाद उनके सामने दिल्ली में अपना सरकारी आवास बचाए रखने का एक ही तरीका था कि कोई मौजूदा सांसद अपना पत्र लिखकर दे। उसी समय आंवला से सपा सांसद नीरज मौर्य ने भाजपा नेता की मदद की। शायद, यह सोचकर कि हो सकता है कि वह भविष्य की राजनीति में उनके काम आ जाएं।
आंवला की जनता का फोन नहीं उठाते सपा सांसद
सपा सांसद नीरज मौर्य ने 2024 में जबसे लोकसभा का चुनाव जीता है, तबसे आंवला में यह चर्चा जोर शोर से है कि वह सामान्य जनता और सपा कार्यकर्ताओं का फोन तक नहीं उठाते। न ही सांसद बनने के बाद दोबारा क्षेत्र में दर्शन देने गए। न ही चुनाव जिताने वाले मतदाताओं का धन्यवाद किया।
पत्नी को लड़ाना चाहते हैं विधानसभा चुनाव
राजनीति के जानकार पंडितों का कहना है कि सपा सांसद का अगला लक्ष्य अपनी पत्नी को शाहजहांपुर की जलालाबाद सीट से 2027 का विधानसभा चुनाव लड़ाना है। इसके लिए पहले तो वह सपा से ही टिकट मांगेंगे। अगर सपा से टिकट मिलने में दिक्कत आई तो पत्नी को भाजपा में शामिल कराकर विधायक बनाने की कोशिश करेंगे। इसी के चलते सपा सांसद लोकसभा में आंवला या बरेली के मुद्दे न उठाकर शाहजहांपुर फर्रुखाबाद रेल लाइन बिछाने जैसे मुद्दे उठाकर वहां की जनता का ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं। ताकि विधानसभा चुनाव में इसका फायदा उठाया जा सके।
बसपा से दो बार रह चुके हैं विधायक
आपको बता दें कि सपा सांसद नीरज मौर्य इसे पहले जलालाबाद सीट से बसपा से दो बार विधायक रह चुके हैं। जलालाबाद के सपा नेता बिजेंद्र सिंह ने एक वीडियो संदेश में उन पर आरोप लगाया था कि बसपा से विधायक रहते हुए नीरज मौर्य ने यादव और क्षत्रिय बिरादरी के लोगों पर बड़ी संख्या में एफआईआर दर्ज कराकर इस समाज के लोगों को प्रताड़ित किया था।
चाटुकारों से घिरे रहते हैं सपा सांसद
सूत्रों का कहना है कि सपा सांसद नीरज मौर्य लोकसभा चुनाव जीतने के बाद अपने क्षेत्र की जनता से नहीं मिलते हैं। अपने आवास पर चंद चाटुकारों से घिरे रहते हैं। चाटुकारों में कुछ पुराने बसपा और चंद सपा नेता शामिल हैं। इनमें एक नेताजी सपा संगठन में जिले का पद दोबारा पाने के लिए सांसद की चमचागिरी में लगे हैं। सपा के सूत्रों का कहना है कि इन नेताजी ने वर्तमान सपा जिला अध्यक्ष को हटाने के लिए लंबे समय से सोशल मीडिया पर अभियान चला रखा है। ये नेताजी जिलाध्यक्ष रहते हुए अपने समर्थकों से जय अखिलेश, जय.... के नारे लगवाने के लिए जाने जाते हैं।