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जनता के छोटे-मोटे कामों के लिए  माननीयों की अफसरों संग बैठक.... मगर, नतीजा जीरो

जनता के मसले कैसे सुलझाएं, इसको लेकर सांसद और विधायकों की प्रशासनिक अधिकारियों संग मीटिंग हुई। इसमें पिछली मीटिंग के अनसुलझे मुद्दे भी उठे।

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Sudhakar Shukla
Meeting of honourables
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बरेली, वाईबीएन सवांददाता

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जनता के मसले कैसे सुलझाएं, इसको लेकर सांसद और विधायकों की प्रशासनिक अधिकारियों संग मीटिंग हुई। इसमें पिछली मीटिंग के अनसुलझे मुद्दे भी उठे। मगर, नतीजा फिर वही। संबंधित विभागों को माननीयों की शिकायतें भेजने के निर्देश। चाय नाश्ते के साथ मीटिंग की औपचारिकता पूरी।  माननीय भी खुश। प्रशासन के अफसर भी इस बात से खुश कि चलो, कुछ समय के लिए तो बला टली।  

जनप्रतिधियों और अफसरों के बीच महीने में समन्वय मीटिंग रखने की व्यवस्था है ताकि जनता से जुड़े मसले सुलझाए जा सकें। मगर, कई महीनों से दोनों के बीच ये बैठक महज खानापूर्ति बनकर रह गई है। माननीय भी इसे गंभीरता से नहीं लेते। अफसर भी चाय नाश्ते का इंतजाम करके मीटिंग निपटा देते हैं। इस बार भी वही हुआ। कुछ माननीयों ने मीटिंग में खुद न जाकर अपने प्रतिनिधि भेज दिए। मीटिंग में यह भी नहीं पता चला कि पिछली बार के उठे मसलों में से कितने हल हो गए और कितने बचे। उनकी वर्तमान में क्या स्थिति है। अक्सर ऐसी मीटिंग से मीडिया को भी दूर रखने की परंपरा बन गई है ताकि बाहर से सब कुछ चंगा दिखे।

खैर, सांसद छत्रपाल सिंह गंगवार की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में  हुई बैठक में पिछले बिन्दुओं की अनुपालन आख्या पर चर्चा की गई। एक माननीय ने पिछली बैठक में मुड़िया भीकमपुर के टूटे पुल एवं पनवडियां-बरगवाँ मार्ग पर किच्छा नदी के पुल की मरम्मत का मसला उठाया था। फिलहाल दोनों पुलों की मरम्मत पीडब्ल्यूडी ने मरम्मत अब तक नहीं कराई। बीते महीने यही तय नहीं हो पाया कि कौन सा विभाग पुलों की मरम्मत कराएगा। इस बैठक में यह बताया गया कि दोनों पुल लोक निर्माण विभाग के स्वामित्व में आते हैं। उनकी एवं सड़क मरम्मत का कार्य लोक निर्माण विभाग ही कराएगा। द्वारा की जानी है। डीएम रविंद्र कुमार ने निर्देश दिए  कि जिला पंचायत ये काम पीडब्लूडी को हैण्डओवर करे ताकि दोनों कार्य कराए जा सकें। अब दोनो विभागों में एक दूसरे को हैंडओवर करने में कितना समय लगेगा, यह न सीडीओ को पता, न ही माननीयों को। खास बात यह है कि माननीयों ने दोनों मरम्मत के कामों को एक निश्चित समय सीमा के अंदर कराने की जरूरत भी महसूस नहीं की। मतलब, ये मसला दो तीन महीने ऐसे ही खींचेगा। फिर बरसात आ जाएगी। जनता की परेशानी बढ़ेगी। 

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नगर निगम और जिला पंचायत ने काम कराने से खड़े किए हाथ...

खैर, अब इस समन्वय मीटिंग का अगला मुद्दा देखिए। बात उठी धरौरा माफी व डोहरा में सड़क निर्माण और अन्य कार्यों को कराने की।नगर निगम और जिला पंचायत दोनों ने इस इलाके में सड़क निर्माण या विकास के कार्य कराने  से हाथ खड़े कर लिए। क्योंकि जिला पंचायत की तरफ से कहा गया कि ये गांव नगर निगम में हैं। नगर निगम ने उनको अपना इलाका मानने से इनकार कर दिया। डीएम ने कहा कि नियमानुसार इन क्षेत्रों में जल निकासी, रोड निर्माण के कार्य कराए जाएं। तब संबंधित अधिकारियों ने बताया कि इन गांवों को नगर निगम क्षेत्र में सम्मिलित करने का प्रस्ताव भेजा जा चुका है।

पिछली बैठक में एमएलसी महाराज ने एक समस्या उठायी थी। उन्होंने कहा था कि एक प्राइवेट अस्पताल की जांच तीन दिन के अंतराल में ही दूसरे अस्पताल में अमान्य कर दी जाती हैं । यह स्थिति सही नहीं है। ऐसा सिर्फ मरीजों से बिल बढ़ाने के लिए किया जाता है। इस पर अंकुश लगाया जाए। Mlc की बात का जबाव देते हुए संबंधित अधिकारी ने बताया कि सीएमओ ने इसके लिए पत्र लिखा है। सीएमओ ने किस अस्पताल को पत्र लिखा। उस पत्र में कोई केस की जानकारी दी गई या नहीं। ये कुछ नहीं। मतलब, एमएलसी महाराज सिंह की बात को किसी भी अफसर ने गंभीरता से नहीं लिया। उनका मुद्दा जहां से उठा था, वहीं पर खत्म हो गया। 

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विधायक कैण्ट संजीव अग्रवाल ने नगर क्षेत्र से लगे गांवों में बिजली व्यवस्था पोल लगाकर सुनिश्चित करने को कहा था । उस संबंध में बताया गया कि आरडीएसएस योजना अंतर्गत दस करोड़ के प्रस्ताव मुख्यालय को भेजे गए हैं।

डीएम ने कहा कि गर्मी के मौसम में जहां ट्रांसफार्मर की पावर बढायी जाये, वहां कही भी बिजली के तारों पर पेड़ की टहनियाँ न हों। अगर यह बीच में आ गयी है तो उनका जे ई और लाईन मैन् से सर्वें कराकर समय से नियमानुसार छटाई करवा दें। अगली बैठक में कितने ट्रांसफार्मर बदले गए। कितने जर्जर पोल/तार बदले गए। पेड़ की टहनियाँ हटाई गयी या नहीं। इनकी रिपोर्ट लेंकर आये।

जनप्रतिनिधियों ने हाऊस व वाटर टैक्स में आने वाली समस्याओं के बारे में बताया। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि नगर निगम कैम्प लगाकर जनमानस की समस्याओं का निराकरण करें।

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एक साल में ही खराब हो गई सड़क... डीएम बोले, जांच करो...

विधायक नवाबगंज डॉ एमपी आर्य ने बताया कि सिचाई विभाग ने दलेलनगर से मेथी होते हुए क्योंलड़िया मार्ग व बरखन से खतोआ जिगनिया रोड पर काम कराया था। यह काम एक डेढ़ वर्ष में ही खराब हो गया। जिलाधिकारी ने इसकी जाँच कराकर दोषी के खिलाफ कठोर कार्यवाही करने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने जनप्रतिनिधियों से रोजगार परक मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान योजना तथा पीएम सूर्य घर योजना की जानकारी आमजन को देने की अपील की। ताकि अधिक से अधिक संख्या में लोग योजनाओं का लाभ उठा सके।

जिलाधिकारी ने समस्त फायर स्टेशनो की सूची जनप्रतिनिधियों को भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। डीएम ने कहा कि जनप्रतिनिधियों से गेहूं खरीद अथवा हेंडपम्प रिबोर के कार्यों में कही कोई असुविधा हो तो तुरंत बताएं।

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