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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
बरेली। नगर निगम में बड़े साहब के खास ठेकेदार के टेंडर मैनेज करने के लिए रखे गए आउटसोर्सिंग कंप्यूटर ऑपरेटर सुलेमान की फिलहाल छुट्टी हो गई है। इस कम्प्यूटर ऑपरेटर को नगर निगम के ऑनलाइन टेंडरो में घपला करने के मामले में हटाया गया है। बडे़ साहब ने बदायूं से इस कंप्यूटर ऑपरेटर को अपने लिए टेंडर मैनेज करने के लिए ही बुलाया था। बड़े साहब के खास ठेकेदार को टेंडर दिलाने के लिए आऊटसोर्सिंग के इस कंप्यूटर ऑपरेटर अपने बॉस के इशारे पर उनके चहेते ठेकेदारों को 100 करोड़ से ज्यादा के टेंडर मैनेज करा चुका है। इस कंप्यूटर ऑपरेटर को लखनऊ से बहुत दबाव पड़ने के बाद चीफ इंजीनियर ने बमुश्किल नगर निगम से हटाया।
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सूत्रों के मुताबिक नगर निगम में केंद्र सरकार की ncap योजना के 13 करोड़ से ज्यादा के टेंडर खोलने में पहले ही बड़ा खेल हो चुका है। अपने खास ठेकेदार को टेंडर देने के लिए इनको तीन बार जानबूझकर कैंसिल किया गया। इन टेंडरों को खोलने में निर्धारित समय से बहुत ज्यादा टाइम लिया गया। आखिर में नगर निगम के बड़े साहब की तरफ़ से हिंट मिलते ही उनके एक खास ठेकेदार को टेंडर मैनेज किए जाने की जिम्मेदारी आउटसोर्सिंग कर्मचारी सुलेमान को सौंपी गई। क्योंकि बड़े साहब ने नगर निगम के सभी टेंडर दिलाने के लिए बरेली के ही नहीं, गाजियाबाद के ठेकेदारों से भी बतौर कमीशन मोटी एडवांस रकम ले रखी है। अब ये रकम वापस करने में कठिनाई आ रही है।
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इसलिए ठेकेदारों को कोई न कोई टेंडर देकर यह रकम समायोजित करने की कोशिश चल रही है।कम्प्यूटर ऑपरेटर ने भरसक कोशिश की कि बड़े साहब के चहेते ठेकेदार को 13 करोड़ के सभी टेंडर मिल जाएं। मगर, इसमें अन्य ठेकेदारों ने भी टेंडर डाल दिए। बाकी ठेकेदारों के बीच में इन टेंडरो को लेकर लंबे समय से रस्साकशी चल रही थी। आखिर में बड़े साहब को अन्य ठेकेदारों को भी टेंडर देने पड़े। नगर निगम मे एक ठेकेदार ने जब बहुत ज्यादा हंगामा काटा तो उस ठेकेदार को ncap के टेंडर कुल लागत की 20% एडवांस रकम बतौर कमीशन देने के बाद मिले। अधिकांश ठेकेदारों को 20% कमीशन एडवांस देने के बाद ही टेंडर मिले।
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बडे़ साहब के पिछ्ले कार्यकाल में नगर निगम बरेली के पूर्व नगर आयुक्त सैमुअल पाल ने अपने कार्यकाल के दौरान एक दिन अचानक छापा मारकर इसी कंप्यूटर ऑपरेटर को हटाया था। सूत्रों के मुताबिक सुलेमान कंप्यूटर ऑपरेटर के तौर पर नगर निगम के गोपनीय टेंडर खोलता था। यह नगर निगम के लिए काम न करके केवल बड़े साहब के लिए ही काम करता था। पूर्व नगर आयुक्त सैमुअल पाल ने कंप्यूटर ऑपरेटर का घपला पकड़ लिया था। उसके बाद उसे तत्काल प्रभाव से निर्माण कार्य से अलग कर दिया गया था। इस बात को लेकर बड़े साहब और तत्कालीन नगर आयुक्त के बीच बरसों तक लंबी लड़ाई भी चली। सैमुअल पाल का नगर आयुक्त पद पर बरेली से तबादला होने के बाद नगर निगम में फिर बड़े साहब की तूती बोलने लगी। उन्होनें इसके बाद आए नगर आयुक्त अभिषेक आनंद से सिफारिश करके सुलेमान को दोबारा से नगर निगम के निर्माण विभाग में टेंडर का काम देखने के लिए रखवा दिया।
सुलेमान को कंप्यूटर ऑपरेटर पद से हटा दिया गया है। यह कोई इतना बड़ा मसला नहीं है। वह आउटसोर्सिंग पर था। आउटसोर्सिंग कर्मचारी को कभी भी हटाया जा सकता है।
मनीष अवस्थी, चीफ इंजीनियर नगर निगम बरेली